S Jaishankar

भारत-चीन संबंध अनिश्चित दुनिया में स्थिरता का कारक बन सकते हैं

विदेश मंत्री डॉ.  एस  जयशंकर (External Affairs Minister Dr. S Jaishankar) ने साफ शब्दों में कहा कि इस तरह भारत-चीन संबंध (India-China relations) अनिश्चित दुनिया (uncertain world) में स्थिरता (stability) का कारक (factor) बन सकते हैं।

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने बीजिंग में  12 अगस्त, 2019 को चीनी विदेश मंत्री वांग यी (Foreign Minister of China Wang Yi) से मुलाकात के बाद 4 थे भारत-चीन उच्च स्तरीय मीडिया फोरम (High Level Media Forum) को संबोधित करते हुए आज यह बात कही।

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर (Dr S Jaishankar) ने कहा कि विदेश मंत्री वांग यी (Wang Yi) और मैंने अभी-अभी सांस्कृतिक और पीपल-टू-पीपल एक्सचेंज (Cultural and People-to-People Exchanges) पर उच्च स्तरीय तंत्र (High Level Mechanism) की दूसरी बैठक की सह-अध्यक्षता की है।

भारत और चीन (India and China) के बीच लोगों से लोगों के बीच मेलजोल बढ़ाने और सांस्कृतिक संबंध (Cultural relations) मजबूत करने के लिए सौ गतिविधियाँ (activities) आयोजित करने पर सहमति बनी है।

फोटो आकाशवाणी के ट्विटर अकांउट से साभार

 

यह उच्च स्तरीय तंत्र प्रधानमंत्री मोदी (Prime Minister Modi) और राष्ट्रपति शी जिनपिंग (President Xi Jinping) के बीच वुहान (Wuhan) में अप्रैल, 2018 में अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के दौरान हुई सहमति का एक परिणाम था।

डॉ. एस जयशंकर (Dr S Jaishankar) ने सहमति की चर्चा करते हुए कहा कि लोगों से लोगों के मेलजोल करने और सांस्कृतिक आदान-प्रदान बढ़ाने से देशों के द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास में योगदान बढ़ेगा।

उन्होंने कहा कि पारंपरिक चिकित्सा (traditional medicine) और खेल (Sports) सहित विभिन्न क्षेत्रों में चार समझौता ज्ञापन (Four MoUs)  पर सहमति बनी है।

डॉ. एस जयशंकर ने कहा, दोनों पक्षों ने वर्ष 2020 के लिए द्विपक्षीय कार्य योजना पर भी सहमति व्यक्त की है।

कैलाश मानसरोवर यात्रा के समय में बढ़ोतरी किये जाने की सराहना करते हुए डॉ. एस जयशंकर (Dr S Jaishankar) ने कहा कि और चीनी पक्ष द्वारा दिये गए कुछ सुझावों और पहलों का भारत गहराई से अध्ययन कर रहा है।

डॉ. एस जयशंकर (Dr S Jaishankar) ने कहा कि भारत-चीन संबंध का भविष्य स्पष्ट रूप से एक-दूसरे की मूल चिंताओं के प्रति आपसी संवेदनशीलता पर निर्भर करेगा।

उन्होंने कहा कि यह स्वाभाविक है, दोनों पड़ोसी और बड़ी विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के रूप में कि हमारे संबंधों में मुद्दे होंगे। इसलिए मतभेदों को ठीक से प्रबंधित करना महत्वपूर्ण है। जैसा कि हमारे नेता अस्ताना में सहमत थे, मतभेद विवाद नहीं बनने चाहिए।