अदालत की कार्यवाही को एक प्रत्यक्षदर्शी कलाकार के दृष्टिकोण से समझना

वाशिंगटन, 11 अप्रैल (जनसमा)। द लॉ लाइब्रेरी ऑफ कांग्रेस की ओर से एक संगोष्ठी का आयोजन 27 अप्रैल को थोमस जेफरसन बिल्डिंग में किया गया है। यह एक पैनल विचार-विमर्श है जिसमें अमरीका के प्रसिद्ध कोर्ट रूम कलाकार मेरीलिन चर्च, पेट लोपेज और बिल रोबल्स भाग लेंगे।

लगभग 85 साल पहले 1930 के दशक के शुरूआती सालों में अमरीका में अदालत की कार्यवाही के दौरान कोर्ट रूम में कैमरे के प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया गया था। उन दिनों अमरीका में टीवी चैनलों पर शाम के समाचार बहुत लोकप्रिय थे। कोर्ट रूम के हालात को दर्शक समझना और देखना चाहते थे।

इस समस्या के समाधान के लिए 1960 के दशक में कोर्ट रूम की खबरों को प्रसारित करने के लिए चित्रकारों का सहयोग लिया जाने लगा। शुरूआत में कुछ चैनल्स ने कोर्ट रूम की कार्यवाही के रेखाचित्र बनवाकर खबरों के साथ टेलीकास्ट किए। कुछ समय बाद समाचार पत्रों और चैनलों ने इसे पुख्ता तौर पर अपना लिया।

टीवी चैनलों की बढ़ती लोकप्रियता के साथ यह जरूरी हो गया था कि हाईप्रोफाइल मामलों में कोर्ट के दृश्य लोगों तक पहुंचाने के लिए चित्रकारों द्वारा बनाए गए रेखाचित्रों को शामिल किया जाए। ये चित्रकार इस प्रकार के दृश्य चित्रित करते थे जिससे ‘कोर्ट रूम’ की कार्यवाही को दर्शक आसानी से समझ सकें।

जो रेखाचित्र कलाकार इस संगोष्ठी में भाग ले रहे हैं उनका अदालती कार्यवाही को चित्रित करने का न केवल लंबा अनुभव है बल्कि वे लोगों में लोकप्रिय भी हैं।

संक्षेप में हम कह सकते हैं कि यदि भारत में भी कोर्ट रूम चित्रकारी को बढ़ावा मिले तो आम जनता अदालती कार्यवाही का अनुभव कर सकती और यह चित्रकारी भारत में भी लोकप्रिय हो सकती है।