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मॉब लिंचिंग और भीड़ हिंसा पर मध्यप्रदेश सरकार कठोर कार्रवाई करेगी

मॉब लिंचिंग अथवा भीड़ द्वारा दुष्प्रेरित होकर की जाने वाली हिंसात्मक घटनाओं और मामलों पर मध्यप्रदेश सरकार तुरंत कठोर कार्रवाई करेगी।

सरकार द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि मध्यप्रदेश में ऐसी घटनाओं को भारतीय दण्ड विधान संहिता और दण्ड प्रक्रिया संहिता में अपराध माना जायेगा।

सरकार के अनुसार संवेदनशील क्षेत्रों में पुलिस द्वारा नियमित रूप से पेट्रोलिंग की जा रही है।

न्यायिक प्रक्रिया में भीड़ को उकसाने का प्रयास करने वाले को कठोरतम दण्ड देने का प्रावधान है।

उच्चतम न्यायालय ने मॉब लिंचिंग और हिंसा को रोकने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये हैं।

सरकार के अनुसार राज्य शासन ने मॉब लिंचिंग के प्रकरणों के शीघ्र निराकरण के लिये जिलों में पुलिस अधीक्षक को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है।

उनकी सहायता के लिये जिले का एक उप पुलिस अधीक्षक स्तर का अधिकारी होगा, जो जिले में मॉब वॉयलेंस/मॉब लिंचिंग की घटनाओं को रोकने और उन पर प्रभावी कार्यवाही करने के लिये उत्तरदायी होगा।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि उप पुलिस अधीक्षक नोडल अधिकारी के निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के साथ-साथ मॉब लिंचिंग की घटनाओं को रोकने के लिये कठोर कार्यवाही भी करेगा।

सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, किसी व्यक्ति अथवा समूह द्वारा किसी भी प्रकार का भ्रामक संदेश, वीडियो और अफवाह आदि फैलाने पर संबंधितों के विरुद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा-153-ए अथवा अन्य धाराओं में कठोर वैधानिक कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी।

सरकार के अनुसार इसके लिये नोडल अधिकारी टॉस्क-फोर्स गठित करेगा, जो उकसाने वाले समाचार, भाषण, अफवाह, सोशल साइट्स कमेंट आदि पर नजर रखेगा। जिले के प्रत्येक अधिकारी एवं थाना प्रभारियों को सतत निगाह रखते हुए प्रभावी सूचना संकलन के लिये निर्देशित किया गया है।

अफवाहों को लेकर भीड़ द्वारा हिंसा करने की सूचना अथवा हिंसा करने की प्रवृत्ति वाली गैर-कानूनी भीड़ पर हिंसात्मक घटनाओं को रोकने के लिये आवश्यकतानुसार प्रभावी बल का प्रयोग किया जायेगा।

गैर-कानूनी जमाव पर धारा-129 अथवा अन्य वैधानिक प्रावधानों में कठोर कार्रवाई की जायेगी। मॉब लिंचिंग की घटनाओं की रोकथाम और नागरिकों की जानकारी के लिये सभी निर्देश मध्यप्रदेश पुलिस मुख्यालय की वेबसाइट पर अपलोड किये गये हैं। मॉब लिंचिंग की घटनाओं में पीड़ितों को तत्काल सहायता उपलब्ध करवाने की कार्यवाही भी की जा रही है।