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महाराष्ट्र बंद की घोषणा वापस, कई जगह हिंसक वारदातें,जांच के आदेश

भरीपा बहुजन महासंघ के नेता प्रकाश अम्बेडकर ने महाराष्ट्र  बंद की घोषणा को बुधवार शाम वापस ले लिया।  दूसरी ओर महाराष्ट्र सरकार ने पुणे में भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा की न्यायिक जांच के आदेश दिए।

मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा है कि उच्च न्यायालय के एक वर्तमान न्यायाधीश जांच की अध्यक्षता करेंगे। फडणवीस ने कहा कि सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

मुंबई में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए अम्बेडकर ने कहा कि बंद का उद्देश्य राज्य सरकार का ध्यान दलितों की उपेक्षा के प्रति आकर्षित करना है।

उन्होंने कहा कि बंद न केवल दलित समूहों द्वारा समर्थित था, बल्कि उन लोगों का भी समर्थन मिला था जो सामाजिक रूप से पिछड़े वर्ग से संबंधित हैं। बंद वापस लिए जाने के बाद रेल और सड़क यातायात सामान्य स्थिति में धीरे धीरे वापस आरहे है।

अंबेडकर ने दावा किया कि बंद शांतिपूर्ण था किन्तु पूरे महाराष्ट्र में कई स्थानों पर हिंसक विरोध प्रदर्शन, पत्थरबाजी और रेल रोकने की घटनाएं देखी गईं।

मुंबई में सामान्य जीवन प्रभावित हुआ क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने शहर में बसों को नुकसान पहुंचाया, उपनगरीय स्थानीय सेवाओं को बंद कर दिया और शहर के विभिन्न स्थानों पर सड़कें अवरुद्ध कर दी। जबकि ज्यादातर निजी स्कूलों और कॉलेजों ने  एहतियाती छुट्टी की घोषणा की थी । मुंबई के प्रसिद्ध ‘डब्बावालों’ ने आज अपनी सेवाएं नहीं दीं।

प्रारंभिक जानकारी के अनुसार विरोध के दौरान तेरह राज्य परिवहन बसों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। प्रमुख वाणिज्यिक केन्द्रों के कार्यालयों में भी कम उपस्थिति देखी गई, क्योंकि कई कर्मचारी हिंसा के डर के कारण काम से दूर रहे। मुंबई की उपनगरीय इलाकों में अधिकांश दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठान भी बंद रहे।

बंद के दौरान अमरावती, नासिक, पुणे, अहमदनगरए,जालनाए,धुले, सातारा, ठाणे और पालघर जिलों में कुछ जगहों पर हिंसक वारदातें भी हुईं।