Kanakmal Katara

मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की मांग’

Mangarh Dhamदक्षिणी राजस्थान-गुजरात की सीमा पर स्थित स्वाधीनता आन्दोलन के बलिदानी स्थल  मानगढ़ धाम (Mangarh Dham) को राष्ट्रीय स्मारक (National Monument) घोषित करने की मांग  की गई हैं।

बांसवाड़ा-डूंगरपुर से लोकसभा के सदस्य कनकमल कटारा ने केन्द्र सरकार से  वागड़ के ऐतिहासिक स्थल मानगढ़ धाम (Mangarh Dham)  को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की मांग की है।

इतिहास इस बात का गवाह है कि बांसवाड़ा जिले में एक पहाड़ी पर अपने गुरू का जन्म दिन मनाने के लिए इकट्ठे हुए आदिवासी भक्तों पर अंग्रेज सैनिकों (British Army) ने हमला कर दिया और 1500 से अधिक आदिवासियों (tribals) को मौत के घाट उतार दिया।

मानगढ़ की पहाड़ी पर 17 नवंबर, 1913 को हुए इस हमले का गोविंद गुरु (Govind Guru) के नेतृत्व में आदिवासियों ने मुकाबला किया किन्तु उन्हें बलिदान देना पड़ा।

उसी बलिदानी स्थल को अब मानगढ़ धाम के नाम से जाना जाता है। जमीन से 1000 फुट ऊंची यह पहाड़ी बांसवाड़ा जिले के आनंदपुरी पंचायत समिति की आमलिया ग्राम पंचायत के अंतर्गत आंबादरा गाँव में स्थित है।

कटारा ने 7 अगस्त, 2019 को लोकसभा में शून्यकाल (Zero Hour) में चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि आजादी के संघर्ष (Freedom struggle)  में वागड़ के प्रमुख संत गोविंद गुरु के साथ हजारो आदिवासी भक्तो ने मानगढ़ धाम  (Mangarh Dham) पर  अंग्रेजो की गोलीबारी का सामना करते हुए अपना बलिदान दिया था।

उन्होंने सदन को बताया कि जलियाँवाला बाग (Jallianwala Bagh)  से भी बड़े इस हत्याकांड़ में करीब डेढ हजार से ज्यादा आदिवासी व गुरुभक्तो ने अपना बलिदान दिया था।

सांसद कटारा ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के अपने मुख्यमंत्रित्व काल में इस शहीद स्थल मानगढ़ धाम (Mangarh Dham)  को विकसित करने में गहरी रुचि दिखाई थी।

उन्होंने कहा कि  दोनों राज्य अभी भी अपने सीमित संसाधनों से इस ऐतिहासिक स्थल के विकास में जुटे हुए है।

सांसद कटारा ने मांग की कि आदिवासियों के बलिदानी स्थल मानगढ़ (Mangarh Dham)  को राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा दिया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि इससे मानगढ़ स्मारक स्थल का विकास होगा और आने वाली पीढ़ियों के लिए यह प्रेरणादायी स्थल के रूप में संरक्षित रहेगा।

कटारा ने इस अवसर पर ठेठ वागड़ी (Vagdi dialect) अंदाज में गोविंद गुरु का लोकप्रिय गीत “भूरेटिया नी मानु नी मानु” (भूरे अंग्रेजों को नही मानेंगे,  नही मानेंगे) गाकर पूरे सदन का मन मोह लिया।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला  (Om Birla) ने भी खुशी जाहिर करते हुए गीत की सराहना की।