सस्ती दवाओं के लिए खोले गए औषधि केन्‍द्रों में 3 हजार से ज्यादा की बढ़ोतरी

नई दिल्ली, 13 मई (जनसमा)। केन्द्र सरकार द्वारा सस्‍ती और गुणवत्‍तासम्‍पन्‍न दवाओं के लिए खोले गए जनऔषधि केन्‍द्रों में इस साल के अंत तक 3 हजार ज्यादा औषधि केन्‍द्रों की बढ़ोतरी की जाएगी। फिलहाल अभी देश में 1320 जनऔषधि केन्द्र चल रहे हैं।

प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) के बारे में मीडिया को सम्‍बोधित करते हुए शुक्रवार को केन्‍द्रीय रसायन और उर्वरक तथा संसदीय कार्यमंत्री अनन्‍त कुमार ने कहा कि यह येाजना सभी को सस्‍ती और गुणवत्‍ता सम्‍पन्‍न औषधि उपलब्‍ध कराकर स्‍वास्‍थ्‍य सुरक्षा की दिशा में मौन क्रांति ला रही है। आज भारत विश्‍व का फार्मेसी है और हमारा औषधि क्षेत्र 20-21 प्रतिशत की गति से बढ़ रहा है। भारत 215 देशों को गुणवत्‍ता जैनेरिक औषधियां निर्यात कर रहा है।

अनन्‍त कुमार ने कहा कि सबको सस्‍ती गुणवत्‍ता सम्‍पन्‍न औषधि उपलब्‍ध कराने के बारे प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के विजन से प्रेरित होकर सरकार ने अपनी प्राथमिकता में सभी नागरिकों की स्‍वास्‍थ्‍य सुरक्षा है और यह लक्ष्‍य जनऔषिधि परियोजना के माध्‍यम से हासिल किया जा सकता है। इस योजना के माध्‍यम से सरकार निकट भविष्‍य में प्रत्‍येक ब्‍लाक में सस्‍ती दवाईयां पहुंचाने की योजना बना रही है।

रसायन और उर्वरक मंत्री ने कहा कि पीएमबीजेके खोलने के लिए केन्‍द्र सरकार ने 19 राज्‍य सरकारों तथा अन्‍य संगठनों/एनजीओ के साथ समझौता किया है। कुल 32,225 आवेदन प्राप्‍त हुए, जिसमें 30,300 आवेदन सिद्धांत रूप में मंजूर किए गए हैं। यह इस बात का साक्ष्‍य है कि केन्‍द्र  बेरोजगार युवाओं और स्‍वरोजगार के इच्‍छुक युवाओं को अपार अवसर प्रदान कर रहे हैं।

दवाईयों की वास्‍तविक कमी के बारे में अनन्‍त कुमार ने कहा कि पीएमबीजेके सरकार से ली गई जेनेरिक दवाईयां खुले बाजार में बिकने वाली ब्रांडशुदा दवाईयों की तुलना में 50-90 प्रतिशत सस्‍ती बेची जा रही हैं। उदाहरण के लिए 5 एमजी के 21 एमलोडिपाईन टैबलेट 3.25 रुपये में बेचा जा रहा है, जबकि ब्रांडेड रूप से इस दवा की बिक्री 20 रुपये में हो। उन्‍होंने बताया कि पीएमबीजेपी के बास्‍केट में 600 से अधिक दवाईयां हैं और 154 शल्‍य चिकित्‍सकीय और संक्रामक रोधी, मधुमेय रोधी, हृदय रोग संबंधी, केंसर रोधी तथा आंत्रशोध की दवाईयां हैं।

डॉक्‍टरों द्वारा जेनेरिक दवाईयां लिखे जाने के बारे में अनन्‍त कुमार ने बताया कि मंत्रालय के प्रयास से मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया(एमसीआई) ने हाल में सभी मेडिकल कॉलेजों, अस्‍पतालों और डॉक्‍टरों को निर्देश दिया है कि डॉक्‍टर नुस्‍खे पर प्रमुख रूप से दवा का जेनेरिक नाम ब्रांडनाम के साथ लिखें। इसका उल्‍लंघन करने वालों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सरकार ने सभी डॉक्‍टरों से कहा है कि दिए गए निर्देश का पालन करें। स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्रालय ने भी सभी राजयों के औषधि नियंत्रकों को सलाह दी है कि सभी ब्रांड शुदा दवाईयों, चाहे आयातीत हो या देश में बनी हों, के पैकेट पर बड़े अक्षरों में जैनरिक नाम लिखा जाए।