मदर टेरेसा संत घोषित

वेटिकन सिटी, 4 सितम्बर | पोप फ्रांसिस ने रविवार को मदर टेरेसा को संत घोषित कर दिया। इस मौके पर हजारों की तादाद में लोग मौजूद थे। कैथोलिक न्यूज एजेंसी ने पोप के हवाले से कहा, “हम कोलकाता की धन्य टेरेसा को संत घोषित व परिभाषित करते हैं।”

वेटिकन में इस अवसर का गवाह बने हजारों लोगों में भारतीय भी शामिल हैं, जिन्होंने अपने हाथों में तिरंगा थाम रखा था।

टेरेसा को उनकी 19वीं पुण्यतिथि की पूर्वसंध्या पर संत की उपाधि दी गई। उनका निधन पांच सितम्बर, 1997 को हुआ था।

वेटिकन ने 2002 में घोषित किया था कि मदर टेरेसा से प्रार्थना करने के बाद एक भारतीय महिला के पेट का ट्यूमर चमत्कारिक रूप से ठीक हो गया था।

पोप फ्रांसिस ने पिछले साल उनके नाम एक और चमत्कार को मान्यता दे दी थी। इसके बाद उन्हें संत बनाए जाने का रास्ता साफ हो गया था।

उत्सव में पूरे इटली से कुछ 1,500 बेघर लोगों को बस द्वारा रोम लाया गया और उसके बद ‘सिस्टर्स ऑफ चैरिटी’ की 250 ननों और पादरियों द्वारा पिज्जा भोज परोसा गया।

2003 में उन्हें धन्य घोषित किया गया था, जो संत बनाए जाने की प्रक्रिया का पहला चरण है।

केरल के कैथोलिक गिरजाघरों में बेहद उत्साह

मदर टेरेसा को संत की उपाधि से विभूषित किए जाने को लेकर केरल के कैथोलिक गिरजाघरों में बेहद उत्साह का माहौल नजर आया। लोगों को मदर द्वारा वंचितों के लिए किए गए महान कार्यो की याद दिलाने के लिए कैथोलिक गिरजाघरों में विशेष प्रार्थना सभाएं और बैठकें आयोजित की गई। थेल्लाकोम की ‘सेंट जोसफ चर्च’ ने मास में आए लोगों के लिए मदर टेरेसा की निशानियों को प्रदर्शित किया, जिनमें उनके बालों के गुच्छे, अपने चेहरे को साफ करने के लिए उनके द्वारा इस्तेमाल किए गए स्पंज और उनके कपड़े शामिल थे।

मदर टेरेसा की निशानियां पाने वाला यह देश का पहला गिरजाघर है। उन्हें यहां एक संग्रहालय में रखा गया है।

गिरजाघर के पादरी एंटनी कट्टपरा ने कहा, “आज (रविवार) सुबह हमने विशेष प्रार्थना सभा आयोजित की थी और वेटिकन में मदर टेरेसा को संत की उपाधि देने के साथ हम उनककी तस्वीरों के साथ 1,001 गुब्बारे छोड़ेंगे।”

राजधानी स्थित ‘मदर टेरेसा चर्च’ में एक विशेष प्रार्थना सभा के अलावा एक जनसभा का आयोजन किया गया और एक स्मृति चिन्ह भी जारी किया गया।

यहां कई अन्य कैथोलिक गिरजाघरों में सुबह की प्रार्थना सभा के दौरान मदर टेरेसा को विशेष तौर पर याद किया गया।

–आईएएनएस