Naidu, Vyjayanthimala and Padma Subramaniam are also among those who received Padma Vibhushan

पद्म विभूषण पाने वालों में नायडू, वैजयंतीमाला और पद्मा सुब्रमण्यम भी

नई दिल्ली, 25 जनवरी। पूर्व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, स्वच्छता के अग्रदूत और सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक (मरणोपरांत), तेलुगु अभिनेता से नेता बने चिरंजीवी, अभिनेत्री वैजयंतीमाला बाली और भरत नाट्यम विदुषी पद्मा सुब्रमण्यम को पद्म विभूषण पुरस्कार के लिए चुना गया है।
इस साल, पांच पद्म विभूषण पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं में से तीन आंध्र प्रदेश और दो तमिलनाडु से हैं ।
गुरुवार को 17 पद्म भूषण और 110 पद्म श्री प्राप्तकर्ताओं के नामों की भी घोषणा की गई।
इससे पूर्व सरकार ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर (मरणोपरांत) को भारत रत्न पुरस्कार के नाम की घोषणा की थी।
पद्म भूषण
पद्म भूषण पुरस्कार पाने वालों में एम फातिमा बीवी (मरणोपरांत), जो सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला न्यायाधीश थीं, पूर्व बॉलीवुड अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती, गायिका उषा उथुप, उद्योगपति सीताराम जिंदल, फॉक्सकॉन के सीईओ यंग लियू, पूर्व भाजपा केंद्रीय मंत्री राम नाइक, सत्यब्रत मुखर्जी (मरणोपरांत) और सीपी ठाकुर, केरल के अनुभवी भाजपा नेता ओलानचेरी राजगोपाल, तमिल अभिनेता से नेता बने डीएमडीके के विजयकांत (मरणोपरांत) और मुंबई समाचार के प्रकाशक होर्मसजी एन कामा शामिल हैं।
पद्म विभूषण प्राप्तकर्ता
नायडू भाजपा के दिग्गज नेता रहे हैं और उपराष्ट्रपति पद के लिए चुने जाने से पहले वह नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री थे ।
देवदास और मधुमती जैसी सदाबहार फिल्मों की दिग्गज अभिनेत्री और भरतनाट्यम नृत्यांगना वैजयंतीमाला बाली 1980 के दशक में कांग्रेस के टिकट पर चेन्नई से दो बार सांसद चुनी गईं थी । 1999 में उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था और भाजपा में शामिल हो गईं थी ।
कई पुरस्कार विजेता भरतनाट्यम नृत्यांगना, पद्मा सुब्रमण्यम, एक शोध विद्वान, कोरियोग्राफर, शिक्षक, इंडोलॉजिस्ट और लेखिका भी हैं। उन्हें भरतनाट्यम नृत्य शैली को विकसित और लोकप्रिय बनाने के लिए जाना जाता है। उन्हें 1981 में पद्म श्री और 2003 में पद्म भूषण प्राप्त हुआ था ।
सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक को (मरणोपरांत) मानव अधिकारों, पर्यावरणीय स्वच्छता, ऊर्जा के गैर-पारंपरिक स्रोतों, अपशिष्ट प्रबंधन और शिक्षा के माध्यम से सामाजिक सुधारों को बढ़ावा देने वाले के रूप में जाना जाता है और पिछले साल उनका निधन हो गया था ।