Happiness Vandana and Dipty

खुशियां, आनंद या मनोरंजन, इसमें से क्या चाहते हैं आप?

वन्दना शर्मा====
खुश रहना Happiness आसान है। बस जो कठिन है, वह यह समझना कि ख़ुशी किस काम में है?  बस  यह पहेली हल करनी है खुद के लिए।
तो आइये इस पर बात करते हैं, सोचते हैं और हल निकालते हैं।
सोसाइटी, सोशल मीडिया, घर, बाहर या हो ऑफिस, हर जगह आजकल एक ही बात कही जा रही है कि खुश रहिये। जो कर रहे हैं उसे खुश हो कर कीजिये।
फेसबुक, इंस्टाग्राम या हो ट्विटर,  हर किसी के अकाउंट में कुछ न कुछ ऐसा सब्सक्राइब्ड है जिसमे खुश रहने Happiness  के अनेकों तरीके बतायें गए हैं।
फलां केम्पैन को सब्सक्राइब कर आप बेहतर रिजल्ट पाएंगे और साथ ही आत्म संतुष्टि।
क्या सच में ऐसा हो जाता है कि  हम खुश हो सकते हैं, अच्छा देख कर, पढ़ कर या सुन कर।  कोई हमें कहे ऐसा करो ख़ुशी Happiness मिलेगी तो क्या मिल जाती है?
यकीन मानिये अगर ऐसा होता तो समाज में मनोचिकित्सकों की ज़रुरत ही नहीं होती।
ऐसा मैंने कतई नहीं कहा कि कुछ देख-सुन कर आप खुश नहीं हो सकते, परंतु वो संतोष बस कुछ समय का होता है जब तक आप उस माहौल में है। जैसे ही आप उस वर्चुअल वर्ल्ड से बाहर निकलते हैं आप वापस अपने मन को टटोलने लगते हैं।
कहिये होता है न ऐसा? ऐसा क्यों होता है फिर क्यों सोशल मीडिया पर खुश रहने को लेकर हाहाकार मचा हुआ है? क्या यह सब व्यर्थ है? शायद हाँ।  हुआ न आश्चर्य।  क्योंकि खुशियां Happiness  वहीं होंगी, जहाँ आप पर खुश रहने का  प्रेशर नहीं होगा।
चलिए अब बात करते हैं कि क्या किया जाए?
चाहे आप सफल कारोबारी हो, पेशेवर या घरेलू महिला —-अपने लिए समय निकालिये,  उस टाइम पर  वह कीजिये जो आप कब से करने का सोच रही थी।  वह कुर्सी पर आराम करने से लेकर पार्लर जाना कुछ भी हो सकता है।
परिवर्तन जीवन का नियम है ,एक ही काम को करते रहने से बोरियत आने लगती है।  आपको कुछ नया करना चाहिए अपने डेली रूटीन से कुछ अलग।
आप कोई क्लब ज्वाइन कर सकती हैं, अगर पढ़ने का शॉक रखती हैं तो कोई लाइब्रेरी जा सकती हैं। योगा, डांस या किसी हेण्डीक्राफ्ट को सीखने जा सकती हैं।
याद रखें, बदलाव से माइंड  डाइवर्ट होता है और खुद को अच्छा महसूस होता है।
एक बात और याद रखें, चाहे आप कुछ भी कर लें, कितना  ज़ोर लगा लें लेकिन हर किसी को खुश नहीं रख सकती। कोई  न कोई ज़रूर मिल जाएगा जिसके विचार अलग होंगे, टकराव होंगे और फिर तनाव।
हैल्थी कन्वर्सेशन की कोशिश करें। मेहमानों, रिश्तेदारों के बीच की गाॅशिप से  दूर ही रहें।   आज आप सब मिलकर जिसका मज़ाक उड़ा रहें होंगे, कुछ टाइम बाद आपकी अनुपस्थिति में आपका भी मज़ाक उड़ सकता है।
गॉसिप्स टाइम पास ज़रूर हो सकता है पर बस कुछ समय के लिए।  टाइम पास करने के बेहतर विकल्प चुनें।
यहाँ बात कुछ समय की ख़ुशी की नहीं हो रही। बात आनंद की है, मनोरंजन की नहीं। आनंद से तन और मन प्रफ्फुलित होता है और मनोरंजन कुछ देर के लिए मजा देता है।
आपको किसका साथ अच्छा लगता है, किस से बात करके आपको पॉजिटिव महसूस होता है। यह समझने की कोशिश करे और नेगेटिव लोगों से दूर रहें।
अपने विचार व्यक्त करें, चाहे किसी को पसंद आये या न आये।  याद रखिये विचारों की अभियक्ति  हमारा मूलभूत अधिकार है।
खुद से प्यार करें,  यह सोचें कि कितने दिन यही सोच कर बिता दिए कि फलानि चीज़ मिल जायेगी तो मज़े आ जाएंगे।  बिना कुछ पाए भी खुश रहा जा सकता है यकीन मानें।
जीवन बहुत छोटा लगेगा है, अगर ख़ुशी से जिया जाए। भारी और दुखी मन से जिएंगे तो पल-पल लम्बा लगेगा।
दोस्तों के साथ घूमने जाएँ।  याद करें वे दिन जब आप स्कूल कॉलेज जाते थे, क्या तब खुश रहने का इतना प्रेशर था ? नहीं था। बेवजह खुश रहते थे खिलखिलाते थे. सही कहा न।
देखिये खुश रहना आसान है। बस जो कठिन है, वह यह समझना कि ख़ुशी Happiness  किस काम में है?  बस आपको यही पहेली हल करनी है खुद के लिए।

— वन्दना शर्मा