Political crisis

राजस्थान में राजनीतिक संकट, गहलोत और पायलट में वर्चस्व की निर्णायक लड़ाई

जयपुर, 13 जुलाई ।  राजस्थान (Rajasthan) में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( Ashok Gehlot ) और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बीच टकराव की स्थिति और वर्चस्व की लड़ाई (Supremacy battle ) निर्णायक स्थिति में पहुँच गई है।  इस स्थिति  को देखते हुए कांग्रेस ने आज विधायकों की बैठक बुलाई है ।

राजस्थान में राजनीतिक संकट (Rajasthan political crisis) से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए बुलाई बैठक  में कोई विधायक व्यक्तिगत रूप से शामिल नहीं हुआ तो उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा।

कांग्रेस (Congress) प्रभारी अविनाश पांडे ने आज यहां बताया कि कांग्रेस विधायक दल ने जयपुर में सोमवार को होने वाली बैठक में भाग लेने के लिए अपने विधायकों को व्हिप जारी किया है और यदि वे बिना किसी कारण के खुद अनुपस्थित रहते हैं तो अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।

राजस्थान (Rajasthan) में यह राजनीतिक संकट (political crisis) कांग्रेस में तब उत्पन्न हुआ जब लंबे समय से सरकार और पार्टी के निर्णयों में किसी भी सकारात्मक भूमिका से उपेक्षित कर दिये गए उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने अपने राजनीतिक अस्तित्व (Political existence) को बचाये रखने के लिए अपेक्षित कदम उठाया।

उन्होंने रविवार को साफ कहा कि गहलोत सरकार अल्पमत में है और 30 विधायक मेरे साथ हैं।

यह बैठक आज सोमवार को 10ः30 बजे होने जा रही है।

जयपुर से हिन्दुस्तान समाचार ने रविवार को खबर रिलीज करते हुए जानकारी दी कि राजस्थान में विधायकों की खरीद-फरोख्त के प्रकरण में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) के मामला दर्ज करने के बाद से ही प्रदेश की राजनीति में हलचल मची हुई है। उपमुख्यमंत्री पायलट ने बगावती तेवर अख्तियार कर लिए हैं। अपने अधिकारिक वाट्सएप ग्रुप में पायलट ने लिखा है कि वे सोमवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं होंगे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार अल्पमत में आ गई है। पायलट ने दावा किया है कि कांग्रेस के 30 और कुछ निर्दलीय विधायक उनके साथ है। उधर पायलट के बयान के बाद कांग्रेस ने विधायकों की बाड़ेबंदी शुरू कर दी है।

एसओजी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट समेत कई विधायकों को बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस जारी किया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार भाजपा खरीद फरोख्त के गंभीर आरोप लगा रहे हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने सभी आरोपों को नकारते हुए इसे कांग्रेस का अंतकर्लह बताया है।

राजस्थान में उपजे तनाव को कम करने के लिए कांग्रेस आलाकमान अब कांग्रेस डैमेज कंट्रोल में जुट गई है। रविवार शाम मुख्यमंत्री आवास पर  पायलट गुट के माने जाने वाले तीन विधायकों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस और अशोक गहलोत के नेतृत्व के प्रति अपनी निष्ठा प्रकट की है। कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देश पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला, अजय माकन और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे देर रात जयपुर पहुंचे और मुख्यमंत्री गहलोत की ओर से दिए जाने वाले रात्रि भोज में शामिल हुए। भोज में सरकार के मंत्री, कांग्रेस और निर्दलीय विधायक भी शामिल हुए हैं।

कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी अविनाश पांडे ने भाजपा पर साजिश रचने का आरोप लगाया है। हालांकि उन्होंने कहा है कि राज्य के सभी कांग्रेस विधायक एक साथ काम करेंगे और कांग्रेस सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी। उन्होंने कहा, सभी विधायकों को पार्टी और सीएम अशोक गहलोत में विश्वास है। हमने कांग्रेस के विधायकों से बात की और इसके बाद उनमें से कई दिल्ली से जयपुर वापस आ गए हैं।

इस बीच कांग्रेस की तरफ से सचिन पायलट को भी बैठक में शामिल होने के निर्देश गए हैं। दिल्ली में सचिन पायलट ने ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात की। सिंधिया और पायलट में करीब 40 मिनट तक बैठक चली। पायलट ने पार्टी के वरिष्ठ नेता और सोनिया गांधी के करीबी सहयोगी अहमद पटेल से मुलाकात की है।

इधर मुख्यमंत्री आवास पर पायलट गुट के माने जाने वाले तीन विधायकों रोहित बोहरा, दानिश अबरार और चेतन डूडी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस और अशोक गहलोत के नेतृत्व के प्रति अपनी निष्ठा प्रकट कर  कहा कि  गहलोत के नेतृत्व में पांच साल सरकार चलेगी। सरकार आलाकमान ने गहलोत को हमारा नेता बनाया है। हम उनके नेतृत्व में आगे भी काम करते रहेंगे। तीनों विधायकों ने माना कि वह दिल्ली गए थे, लेकिन दिल्ली जाने का कारण पारिवारिक था। तीनों नेताओं ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मिलना भी स्वीकार किया।  अबरार ने कहा कि मीडिया ने हमें लेकर खबरें फैलाई है। हमारे बीच कोई गुट नहीं है।

पत्रकार वार्ता में मंत्री रघु शर्मा, प्रताप सिंह खाचरियावास, हरीश चौधरी, राजेंद्र यादव, लालचंद कटारिया, सुखराम, गोविंद सिंह डोटासरा, साले मोहम्मद और विधायक रफीक खान और राजकुमार गौड़ भी मौजूद थे।  मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि हमारे पास कांग्रेस निर्दलीय और सहयोगी दल का समर्थन है। कोरोना की जंग में हमने बेहतर काम किया है। सरकार 5 साल का काम पूरा करेगी।
चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर निशाना साधते हुए कहा कि सिंधिया को कांग्रेस को सलाह देने की जरूरत नही है, सिंधिया जहां हैं वहां सुरक्षित रहने की कोशिश करें।

ट्वीट राजनीति :

इधर जब पायलट ने अपनी गहलोत के प्रति नाराजगी अप्रत्यक्ष तौर पर जाहिर कर दी है तो ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट किया है कि सचिन पायलट को भी राजस्थान सीएम द्वारा साइडलाइन और सताया जाता देख दुखी हूं। यह दिखाता है कि कांग्रेस में प्रतिभा और क्षमता की कद्र नहीं है।’

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने राजस्थान संकट (Political crisis) को लेकर केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया कि कोरोना से पूरा देश त्रस्त है, प्रतिदिन संक्रमण बढ़कर 29 हजार हो गया है, चीन ने हमारी सरज़मीं पर क़ब्ज़ा किया है और सत्ताधारी पहले मध्यप्रदेश और अब राजस्थान में विधायक खरीदने में व्यस्त है…समझना ये है हम सबको कि संकट किसी राज्य पर नहीं पूरे भारतीय लोकतंत्र पर है।

इस बार की खींचतान की गंभीरता का अंदाजा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल के रविवार को किए गए एक ट्वीट से लगाया जा सकता है जिसमें उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए आगाह किया है कि क्या पार्टी अस्तबल से घोड़े उछलने के बाद जागेगी।

राजस्थान की विधानसभा में कांग्रेस के 107 विधायक है। इसके अलावा, सरकार को 13 निर्दलीय और एक राष्ट्रीय लोकदल के विधायक का समर्थन है। गहलोत सरकार के पास 121 विधायकों का समर्थन है। उधर, भाजपा के पास 72 विधायक हैं। आरएलपी के 03 विधायक भी भाजपा के साथ है।