सत्ता सेवा का माध्यम है न कि भोग का साधन : रघुवर दास

हजारीबाग/रांची, 20 मई (जनसमा)। झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शुक्रवार को हजारीबाग के कर्जन ग्राउण्ड में उत्तरी छोटानागपुर प्रमण्डल के 20 सूत्री कार्यक्रम सम्मेलन को सम्बोधित करते कहा, “सत्ता सेवा का माध्यम है न कि भोग का साधन। राजनीति समाज के दबे कुचले लोगों के जीवन के बदलाव के लिए होनी चाहिए। सेवा कार्य ही महत्वपूर्ण है। हमारा दायित्व है कि योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं।”

उन्होंने कहा कि 20 सूत्री कार्यक्रम बदलाव का उचित प्लेटफार्म है जिस पर पूरी तन्मयता के साथ काम होना चाहिए। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से प्रखण्ड में प्रखण्ड विकास पदाधिकारी एवं जिले में उपायुक्त 20 सूत्री की बैठक आयोजित कराएंगे। इसी प्रकार प्रमण्डल स्तर पर 20 सूत्री की छमाही बैठक आयोजित होगी।

दास ने कहा कि आपसी समन्वय के साथ सरकार के 20 सूत्री कार्यक्रमों को धरातल पर उतारने में सहूलियत होगी। अतएव 20 सूत्री कार्यक्रमों से संबंधित सभी घटक, चाहे जनप्रतिनिधि हों या अधिकारी मिलकर कार्यक्रमों को अमलीजामा पहनाएं। इससे राज्य के गरीब-गुरबों का भला होगा और आने वाली पीढि़याँ सभी योगदान करने वालों को याद रखेंगी।

उन्होंने कहा कि योजनाएं धरातल पर उतरें और जनता का सही समय पर काम हो यह हम सभी की जिम्मेवारी है। अतएव व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप, ईर्ष्या-द्वेष से उपर उठकर जनता की भलाई के लिए तत्पर होना जरूरी है। जरूरी है कि 20 सूत्री कार्यक्रमों के कार्यान्वयन से संबंधित जनप्रतिनिधि, स्वयंसेवक एवं कर्मचारी/अधिकारी सरकारी योजनाओं के संबंध में पूरी जानकारी रखें ताकि जरूरतमंदों को उन योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रेरित कर सके।

रघुवर दास ने कहा कि भ्रष्टाचार मुक्त झारखंड के लिए किसी भी मुद्दे पर सरकार समझौता नहीं करेगी। रिश्वतखोरी, बिचौलियागिरी का नामोनिशान झारखंड से मिटाना होगा। इसमें 20 सूत्री सदस्यों की अहम भूमिका होगी। उन्होंने 20 सूत्री समिति के सदस्यों से योजनाओं की सतत निगरानी करने साथ ही जनभागीदारी के साथ योजनाएं सम्पन्न कराने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि केन्द्र द्वारा कई योजनाएं चलायी जा रही है। इन योजनाओं के क्रियान्वयन में पूरी पारदर्शिता के साथ समयसीमा का पालन किया जाना चाहिए।