प्रेरणा श्रीमाली का कथक नृत्य देख दर्शक भाव विभोर हो गए

सुप्रसिद्ध कथक नृत्यांगना (Kathak Dancer) और नृत्य गुरू प्रेरणा श्रीमाली (Prerna Shrimali) ने घुंघरुओं की लय, ताल, मुद्रओं Prerana Shrimaliऔर अभिनय से ऐसी चमत्कारिक बारिश की कि रसिक दर्शक भाव विभोर (overwhelmed) हो गए।

नई दिल्ली के इण्डिया इंटरनेशनल सेंटर (India International Centre) में गुरूवार, 8 अगस्त को माॅनसून उत्सव (Monsoon festival) की शुरुआत करते हुए प्रेरणा श्रीमाली (Prerna Shrimali)  ने कथक नृत्य कोे नये रूप में प्रस्तुत किया।

इस नृत्य प्रस्तुति में कथक नृत्य के परंपरागत तोड़े, टुकड़े, तिहाइयाँ, चक्कर आदि का बंटा हुआ रूप दिखाई नहीं दिया बल्कि कथक की एक सशक्त, सुगठित और अभिनव प्रस्तुति देखने को मिली।

इसके अलावा प्रेरणा ने कथक के साहित्य पक्ष ‘कवित्त’ को भी नृत्य में सहजता से संजोया,  जो कथक के शास्त्रीय पक्ष को विशेषरूप से रेखांकित करता है।

प्रेरणा श्रीमाली (Prerna Shrimali)  के नृत्य को देखने के बाद जाने माने वरिष्ठ नृत्य समीक्षक और नृत्य साहित्य के विद्वान् सुनीलPrerana Shrimali कोठारी ने अपने फेस बुक पेज पर कमेंट करते हुए लिखा कि प्रेरणा श्रीमाली के नृत्य और अभिनय से श्रोताओं को दुर्लभ रसानुभव और आनंद की अनुभूति हुई। कथक की ऐसी प्रस्तुति से खुशी मिलती है। काश हम ऐसी प्रस्तुतियों को और अधिक देख सकें।

कार्यक्रम के लिए प्रेरणा ने कालिदास (Kalidas) और पद्माकर (Padmakar) जैसे संस्कृत और हिन्दी के महान्  कवियों के पदों का चयन किया और उसे कथक के व्याकरण, भाव, मुद्राओं से इस तरह संजोया कि दर्शक बसंत की खुशबू से लेकर सावन के रिमझिम संगीत में डूबते खोते रहे।

नृत्य प्रस्तुति में अहिरन की गत (Ahiran Ki Gat) भी दर्शकों के लिए आनंदानुभूति थी  जिसमें कृष्ण की लीला सहज ही सजीव हो उठी थी।

सभागार में उपस्थित रसिकजनों और समीक्षकों की नजर में प्रेरणा श्रीमाली (Prerna Shrimali)  की यह नृत्य प्रस्तुति  कथक के शानदार भविष्य की सुनहरी राह  है।

प्रेरणा श्रीमाली (Prerna Shrimali)  के साथ तबले पर जाने माने तबलावादक (Tabla maestro) फतेहसिंह गंगानी (Fateh Singh Gangani) ने जैसी संगत की वह दर्शको को लंबे समय तक याद रहेगी।

सितार पर वरिष्ठ सितारवादक (sitarist)  फतेह अली (Fateh Ali) ने शानदार संगत की वहीं गायन में युवा गायक संदीप गंगानी (Sandeep Gangani) और पढ़ंत में निष्ठा (Nishtha) ने अपनी प्रतिभा की स्पष्ट छाप छोड़ी।