देश की संस्कृति का संरक्षण और विकास फिल्मों द्वारा ही हो रहा है : मनोज वाजपेयी

चण्डीगढ़, 17 अप्रैल (जनसमा)। प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता मनोज वाजपेयी ने कहा कि देश की संस्कृति का संरक्षण और विकास करने का कार्य फिल्मों द्वारा ही किया जा रहा है। इन फिल्मों के जरिये ही पूरे देश के लोगों को एक धारा के साथ जोड़ा जा सकता है। किसी भी सामाजिक संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का सिनेमा सबसे सशक्त माध्यम भी है।

मनोज वाजपेयी रविवार को कुरुक्षेत्र में मैक के प्रांगण में हरियाणा अन्तर्राष्ट्रीय लघु फिल्म महोत्सव में शामिल होने के लिए पहुंचे। यहां पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए मनोज वाजपेयी ने कहा कि सभी के सांझे प्रयासों से फिल्म उद्योग में अच्छी-अच्छी फिल्मेंं तैयार की जा रही हैं। इन फिल्मों में भारतीय संस्कृति के हर पहलु को दिखाने का प्रयास किया जाता है। हिन्दुस्तान की माटी में बनी प्रत्येक भाषा की फिल्म को पर्दे पर दिखाया जाना चाहिए। इससे देश के लोगों को किसी भी क्षेत्र की संस्कृति से आत्मसात करने के साथ-साथ प्रेरणा भी लेने का अवसर भी मिलता है।

उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे शहरों में हरियाणा अन्तर्राष्ट्रीय लघु फिल्म महोत्सव जैसे कार्यक्रमों का होना सिनेमा जगत के लिए आक्सीजन का कार्य कर रहा है। इस प्रकार के प्रयासों से न केवल छोटे शहरों के लोग फिल्मों से जुडेंगे साथ में स्थानीय कलाकारों और फिल्मों का विकास भी संभव हो पाएगा। जब स्थानीय कलाकारों और फिल्मों का विकास होगा तो बालीवुड में अपनी जगह बनाना भी आसान होगा।

आज बालीवुड में हरियाणा संस्कृति की एक अलग पहचान है। हरियाणवी फिल्मों और संस्कृति को अच्छे से दिखाया जा रहा है। अब हरियाणवी संस्कृति के तथ्य मूल धारा के साथा जुडने लगे है। दंगल और सुल्तान फिल्म इसका जीता जागता उदाहरण भी है। मनोज वाजपेयी ने एक प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि फिल्मों का स्तर पहले से बेहतर हुआ है। हर लिहाज से तकनीकी कहानी के स्तर में इजाफा हुआ है। सिनेमा केवल नाचने गाने तक ही सीमित नहीं है। सिनेमा की मुख्यधारा के साथ जोडने के लिए अलग-अलग विषयों की फिल्में तैयार की जा रही है।

(फाइल फोटो)