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राजस्थान सरकार विद्यालयों में शुल्क वृद्धि के सख्त खिलाफ

राजस्थान सरकार विद्यालयों में शुल्क वृद्धि के सख्त खिलाफ है। इस सम्बंध में किसी भी प्रकार की शिकायत मिलने पर सरकार सम्बन्धित स्कूल के खिलाफ करेगी कड़ी कार्यवाही। उसकी मान्यता भी रद्द की जा सकती है।

राज्य सरकार ने विद्यालयों में मनमाने तरीके से फीस वृद्धि को रोकने के लिए ही विधानसभा में फीस एक्ट पारित कर उसे लागू किया है। प्रदेश के 26 हजार स्कूलों में अभिभावकों की सदस्यता वाली फीस समितियां का गठन किया गया है।

निजी विद्यालयों द्वारा निर्धारित यूनिफार्म, टाई, जूते, कापियां आदि भी विद्यार्थी, अभिभावकगण खुले बाजार से क्रय करने के लिए स्वतंत्र है। निजी विद्यालय द्वारा विद्यार्थियों के लिए निर्धारित की जाने वाली यूनिफार्म न्यूनतम 5 साल तक बदली नहीं जायेगी।

शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने राज्य के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे यह सुनिश्चित करें कि विद्यालयों मे राजस्थान फीस एक्ट की प्रभावी रूप में पालना की जा रही है।

देवनानी ने इस संबंध में सीबीएससी के क्षेत्रीय निदेशक को भी अपने यहां इस संबध में चर्चा करने के लिए बुलाया है।

उन्होंने कहा कि सीबीएससी के क्षेत्रीय निदेशक को संबद्ध विद्यालयों मे फीस वृद्धि से संबंधित मीडिया में प्रकाशित-प्रसारित समाचारों पर भी सख्त कार्यवाही करने के लिए कहा है।

शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार और केंद्रीय बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन फीस वृद्धि के मामले में एकमत है। राज्य सरकार और सीबीएससी संबद्धता वाली कोई भी स्कूल मनमाने ढंग से विद्यालयों में फीस वृद्धि करती पायी जाती है तो उसके खिलाफ नियमानुसार कड़ी से कड़ी कार्यवाही अमल में लायी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा ं निजी विद्यालय मनमाने तरीके से अपने यहा फीस वृद्धि नहीं कर सकते। साथ ही अभिभावकों पर दुकान विशेष से पुस्तकें एवं अन्य सामग्री क्रय का दबाव भी नहीं डाल सकते हैं।

देवनानी ने कहा कि अभिभावकों के हित में निजी विद्यालयों के लिए जारी यह निर्देश राज्य में संचालित सभी निजी विद्यालयों (कक्षा एक से 12, कक्षा एक से 8 व कक्षा एक से 5) चाहे वह किसी भी शिक्षा बोर्ड या मंडल से संबद्ध हों, उन पर प्रभावी होंगे। इनकी पालना नहीं करने पर विद्यालय की मान्यता समाप्त करने की कार्यवाही की जाएगी।