शिक्षा के साथ-साथ युवाओं को आत्मनिर्भर भी बनाएगी राजस्थान सरकार

जयपुर, 05 मई (जनसमा)। युवाओं को शिक्षा के साथ आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से राजस्थान सरकार प्रदेश के विश्वविद्यालयों में शीघ्र ही ऎसे कोर्सेज शुरू किए करेगी जिनसे न केवल युवाओं के लिए रोजगार सृजित होगा बल्कि वे जल्द ही आत्मनिर्भर भी बन पाएंगे।

राजस्थान की उच्च एवं तकनीकी शिक्षा किरण माहेश्वरी ने कहा कि कई विश्वविद्यालयों में उद्यमिता सेंटर, कौशल विकास कोर्सेज भी सरकार जल्द शुरू करेगी। माहेश्वरी शुक्रवार को शिक्षा संकुल में प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से चर्चा कर रही थीं।

उन्हाेंने कहा कि विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं में विश्वसनीयता और गंभीरता बनी रहे इसके लिए उच्च तकनीक की मदद से प्रजेंटेशन बनाया है, जिसे सभी कुलपतियों को अपनी-अपनी कॉलेजों में लागू करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आगामी वर्ष में सभी विश्वविद्यालयों में प्रवेश से डिग्री तक प्राप्त होने वाली समस्त प्रक्रिया को एकीकृत करते हुए ऑनलाइन सॉफ्टवेयर विकसित करने और शिक्षण सामग्री को डिजिटल किया जाएगा।

उन्होंने आगामी 5 से 7 अगस्त को होने वाले फेस्टिवल ऑफ एजूकेशन की तैयारियों के बारे में कुलपतियों से विस्तार से चर्चा की गई। इस मेले के माध्यम से विज्ञान, तकनीक, कृषि के क्षेत्र में हो रहे नवाचारों से लोगों को रूबरू कराया जाएगा। इसमें देश-विदेश की विश्वविद्यालयों के कुलपति, शिक्षक और छात्र भी हिस्सा लेंगे। इसके अलावा कोर्सेज डिजाइन करने वाली कमेटी को भी नए जॉब ओरिएंटेड कोर्सेज शुरू करने, पुराने और आउटडेटेड कोर्सेज हटाकर बाजार में चलने वाले और नौकरी देने वाले कोर्सेज के प्रस्ताव लाने के निर्देश दिए हैं।

बैठक में प्रदेश के सभी महाविद्यालयों और राजकीय विश्वविद्यालयों में चरणबद्ध तरीके से निशुल्क वाई-फाई शुरू करवाने, कई विश्वविद्यालयों में एंटरप्रेन्योरशिप और लघु उद्योग प्रबंधन केंद्र चलाने, सभी विश्वविद्यालयों में व्यवसायिक और कौशल वोकेशनल कोर्सेज शुरू करने, 2012 में घोषित चारों विश्वविद्यालयों के बजट, पदों व अन्य विषयों व विश्वविद्यालयों के वित्तीय और भवन निर्माण के मुद्दे, रूसा के तहत विश्वविद्यालयों द्वारा बजट के उपयोग, संपर्क पोर्टल से मिलने वाली शिकायतों के निस्तारण, विश्वविद्यालयों में पदों पर भर्ती, विश्वविद्यालयों का एक्रीडेशन, रिसर्च जनरल्स को ऑनलाइन करने, परीक्षा सुधार, गरीब छात्रों को निशुल्क शिक्षा और उन्हें लाभ देने, विश्वविद्यालयों के सिलेबस का नियमित समीक्षा करने  जैसे कई समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की गई।