रमन ने 11 साल में बनकर तैयार हुए पुल का लोकार्पण किया

रायपुर, 04 अप्रैल। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राज्य के नक्सल हिंसा पीड़ित सुकमा जिले की जनता को आज शबरी नदी में दोरनापाल के पास लगभग आधा किलोमीटर लम्बे पुल की सौगात दी। दोरनापाल-पोड़िया-कालीमेला मार्ग पर निर्मित 500 मीटर लम्बा यह सेतु छत्तीसगढ़ और ओड़िशा राज्यों के बीच सुगम यातायात के लिए सड़क सम्पर्क का एक महत्वपूर्ण माध्यम बनेगा।

डॉ. रमन सिंह नेे दस करोड़ 20 लाख रूपए की लागत से दोरनापाल के पास इस नये पुल का लोकार्पण किया। उन्होंने विशाल जनसभा को सम्बोधित करते हुए लोगों को चैत्र नवरात्रि की शुभकामनाएं दी। डॉ. सिंह ने कहा कि तमाम कठिन चुनौतियों और अवरोधों के बीच लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों, केन्द्रीय सुरक्षा बलों और राज्य पुलिस के जवानों के सहयोग से इसका निर्माण लगभग 11 साल में पूर्ण हुआ है। लोगों के उत्साह को देखते हुए कहावत सच साबित हो रही है कि सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं।

मुख्यमंत्री ने पुल का लोकार्पण करते हुए कहा कि मैंने इसके निर्माण की घोषणा 11 साल पहले वर्ष 2006 में की थी। अब इस अंचल के लोगों का वर्षो पुराना सपना साकार हो गया है।
डॉ. रमन सिंह ने कहा कि राज्य सरकार सुकमा जिले में आम जनता की सुविधा के लिए सड़क नेटवर्क के विकास और विस्तार की दिशा में पूरी गंभीरता से काम कर रही है। इस क्षेत्र में सड़कों और पुल-पुलियों के निर्माण में सुरक्षा के अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए हमारे अनेक वीर जवानों ने अपनी शहादत दी है। हम उनकी शहादत का सम्मान करते हुए उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं।

मुख्यमंत्री ने जिले में सड़क अधोसंरचनाओं के विकास में प्रशासन, सुरक्षा बल, पुलिस, लोक निर्माण विभाग और निविदाकारों से मिल रहे सहयोग की प्रशंसा की। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि सुकमा जिले में सुकमा-दंतेवाड़ा के बीच 25 करोड़ रूपए की लागत से सड़क उन्नयन का कार्य हो रहा है। छत्तीसगढ़ और ओड़िशा की सीमा पर इस जिले में कई पुल-पुलियों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है।

डॉ. सिंह मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने इस बार यह निर्णय लिया था कि लोक सुराज अभियान में कहीं कोई लोकार्पण या शिलान्यास नहीं करूंगा, लेकिन इस कठिन इलाके में सबके सहयोग से 11 साल में पूर्ण हुए इस पुल के लोकार्पण के लिए आमंत्रण मिलने पर मैंने जनभावनाओं का सम्मान करते हुए अपने निर्णय को परिवर्तित किया।

उन्होंने कहा कि बस्तर संभाग में सड़क, रेल और विमान और इंटरनेट कनेक्टिविटी बढ़ाने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। बस्तर नेट परियोजना इस इलाके में इंटरनेट सेवाओं के लिए काफी लाभदायक होगी। मुख्यमंत्री ने दोरनापाल-कालीमेला पुल के ठेकेदार को प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।