रूसी विद्यार्थियों ने ललित कला अकादमी का दौरा किया

नई दिल्ली, 18 नवंबर| दोनों देशों के मध्य मजबूत सांस्कृतिक संबंध बनाने की दिशा में ललित कला अकादमी, राष्ट्रीय कला संस्थान ने 37 सदस्यीय रूसी विद्यार्थियों के प्रतिनिधिमंडल की मेजबानी की। विक्टोरिया वर्नावस्काई की अगुवाई में रूस और रूस के विभिन्न विश्वविद्यालयों के विद्यार्थी और मॉस्को राज्य विश्वविद्यालय और सेंट पीटर्सबर्ग राज्य विश्वविद्यालय के इंडोलॉजी इन्स्टीट्यूट में अध्ययन कर रहे विद्यार्थी शामिल थे।

यह प्रतिनिधिमंडल दोनों देशों के लोगों विशेषकर, युवा वर्ग के बीच सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने का एक प्रयास था। यह दौरा युवा मामलों के मंत्रालय द्वारा आयोजित किया गया था।

ललित कला अकादमी के दौरे पर इन सदस्यों का स्वागत स्कार्फ और उपहारों से किया गया। सदस्यों ने अकादमी परिसर में स्थित वाद्य यन्त्रों के संग्रहालय को भी देखा। प्रतिनिधिमंडल ने अकादमी की दीर्घा में काफी वक्त गुजारा और दीर्घा में चल रही प्रदर्शनी ‘अर्थ सांग्स’ को भी देखा, जिसमें जनजातीय कला पर प्रख्यात कलाकारों द्वारा बनाए गए और ललित कला अकादमी के संग्रह में से चुने गए चित्र शामिल हैं।

इस अवसर पर अकादमी के प्रशासक सी.एस.कृष्णा शेट्टी ने युवा प्रतिनिधियों की मेजबानी के लाभ को जिक्र किया और कहा, “ऐसे समूह हमें यह समझने में शिक्षण का एक नया अभ्यास प्रदान करते हैं कि रूस के विभिन्न विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों के रूसी युवा घटक किस प्रकार ललित कला अकादमी जैसे भारतीय कला संस्थानों को देखते हैं।”

इस अवसर पर ललित कला अकादमी के सचिव डॉ. सुधाकर शर्मा ने कहा, “दोनों देशों के मध्य युगों से सद्भावपूर्ण और गहरे संबंध हैं।”

चित्रकारों के सन्दर्भ में उन्होंने महान रूसी चित्रकार निकोलस रोरिख की चर्चा की, जिनकी कृतियां भारतीय संग्रहालयों, विशेषकर नागौर में संरक्षित हैं।

रूसी प्रतिनिधिमंडल की अध्यक्ष विक्टोरिया वर्नावस्काई ने कहा, “हम देश के 10 विभिन्न क्षेत्रों से आए 35 युवा हैं, जिसमें से 28 पहली बार भारत आए हैं। हम सभी विद्यार्थी विज्ञान, राजनीति विज्ञान और अन्य विषयों में अध्ययन कर रहे हैं। हमारे लिए यह एक मूल्यवान अनुभव है और हम वह सभी कुछ साझा करना चाहते हैं, जो भारत और रूस के युवा जानने के इच्छुक हैं।”        — आईएएनएस