Budget

सरकार केन्द्रीय बजट 5 जुलाई, शुक्रवार को लोकसभा में पेश करेगी में

सरकार  2019-20 का केन्द्रीय बजट (Union Budget) 5 जुलाई, 2019 (शुक्रवार) को लोकसभा में प्रातः 11:00 बजे पेश करेगी।

इससे पहले  4 जुलाई, 2019 (गुरुवार) को भारत का आर्थिक सर्वेक्षण, संसद में पेश किया जाएगा।

आम चुनाव के बाद 17वीं लोकसभा का पहला  सत्र 17 जून, 2019 (सोमवार) और राज्यसभा का 249वाँ सत्र 20 जून, 2019 (शुक्रवार) को शुरु होने जा रहा है।

सरकारी कामकाज के शर्तों के अधीन,  बजट  (Budget)  सत्र 26 जुलाई, 2019 (शुक्रवार) को समाप्त हो सकता है।

बजट (Budget)  सत्र के दौरान 40 दिनों की अवधि में लोकसभा की 30 बैठकें और 37 दिनों की अवधि में राज्यसभा की 27 बैठकें आयोजित होंगी।

बजट (Budget)  सत्र मुख्य रूप से लोकसभा के नये सदस्यों द्वारा शपथ ग्रहण (Oath taking)  , लोकसभाध्यक्ष  (Speaker) का चुनाव, राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव, केन्द्रीय बजट (Budget)  2019-20 से संबंधित वित्तीय कामकाज के लिए समर्पित होगा।

हालांकि बजट सत्र के दौरान आवश्यक विधायी और गैर-विधायी कार्यों के लिए भी समय प्रदान किया जाएगा।

भारतीय संविधान की धारा 356 के अर्न्तगत राष्ट्रपति द्वारा जम्मू व कश्मीर के संबंध में 19 दिसंबर, 2018 को जारी किए गए उद्घोषणा के विस्तार 2019 तक मंजूर किया जाना आवश्यक है।

भारत का आर्थिक सर्वेक्षण, 4 जुलाई, 2019 (गुरुवार) को संसद में पेश किया जाएगा। 2019-20 का केन्द्रीय बजट 5 जुलाई, 2019 (शुक्रवार) को लोकसभा में प्रातः 11:00 बजे पेश किया जाएगा।

अंतर-सत्र अवधि के दौरान 10 अध्यादेशों की घोषणा हुई है। इनके स्थान पर संसद के अधिनियम पारित किए जाएंगे क्योंकि नए संसद-सत्र प्रारंभ होने के छह सप्ताहों अर्थात् 1 अगस्त, 2019 के बाद ये स्वतः समाप्त माने जाएंगे।

16वीं लोकसभा के सत्रावसान होने से 46 विधेयकों की अवधि समाप्त हो गई जो विभिन्न चरणों में दोनों सदनों के समक्ष प्रस्तावित थे। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण विधेयकों को पुनः संसद के पटल पर रखा जाएगा।

प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने 19 जून को संसद में प्रतिनिधित्व देने वाले सभी राजनीतिक दलों के अध्यक्षों को तथा 20 जून को सभी संसद-सदस्यों को आमंत्रित किया है।

इन बैठकों में शामिल होने वाले नेता सरकार के साथ खुली बातचीत कर सकते हैं और विचारों का आदान-प्रदान कर सकते हैं।

इस नयी शुरुआत से सभी संसद-सदस्यों में टीम भावना का विकास होगा और इससे संसद की सुचारु कार्यवाही सुनिश्चित होगी।