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राज्यों के परिवहन मंत्री ऑल इंडिया टूरिस्ट बस परमिट पर चर्चा करेंगे

नई दिल्ली, 15 सितंबर (जनसमा)।   परिवहन विकास परिषद की बैठक में राज्यों के परिवहन मंत्री ऑल इंडिया टूरिस्ट बस परमिट के मुद्दे पर चर्चा करेंगे। गुजरात के वडोदरा में 19 सितंबर 2017 को परिवहन विकास परिषद और राज्य परिवहन मंत्रियों की 38 वीं बैठक आयोजित कीगई है।

देश में परिवहन के क्षेत्र में तेजी से विकास होरहा है लेकिन सडक दुर्घटनाओं से लेकर अनेक ऐसी समस्याएं हैं जिन्हें हल किया जाना जरूरी है। इस समय देश में 21.2 करोड़ वाहन और 11.5 करोड़ ड्राइविंग लाइसेंस रजिस्टर्ड हैं।

परिवहन विकास परिषद सड़कों और सड़क परिवहन से संबंधित सभी मामलों पर सरकार को सलाह देने वाला सर्वोच्च निकाय है। केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री इस परिषद के अध्यक्ष हैं। परिवहन विकास परिषद की बैठक वर्ष में कम से कम एक बार जरूर होती है।

केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग, शिपिंग तथा जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा कि सभी राज्यों के परिवहन मंत्री इस एक दिवसीय सत्र में कई मुद्दों जैसे सार्वजनिक परिवहन में सुधार, राष्ट्रीय परिवहन रजिस्टर के अंतर्गत आने वाले वाहन की स्थिति और सारथी स्थलों, राज्य के सीमाओं के बीच सहज परिवहन, ब्लैक स्पॉटों की पहचान, भुगतान का डिजिटलकरण, निजी वाहनों का अंतर्राज्यीय हस्तांतरण और नागरिकों की सुविधा पर चर्चा करेंगे।

परिषद की इस बैठक में राज्य परिवहन मंत्रियों को परिवहन क्षेत्र में नए और आगामी सुधारों पर निवेश प्राप्त करने का भी अवसर मिलेगा। सार्वजनिक परिवहन सुधारों और बस बंदरगाहों के बारे में भी आगे की राह पर चर्चा होगी। इस क्षेत्र के अन्य विशेषज्ञों के अलावा लंदन के परिवहन विभाग के निदेशक भी वीडियो कॉन्फ्रेशिंग के जरिए इस चर्चा में भाग लेंगे।

राज्यों के परिवहन मंत्री अत्याधुनिक वडोदरा बस टर्मिनल तथा वडोदरा ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक का भी दौरा करेंगे। इसका उद्देश्य इन आधुनिक तकनीक से राज्यों के परिवहन मंत्रियों को अवगत कराना है ताकि वे इसे अपने राज्यों में भी लागू कर सकें।

परिषद की 19 सितंबर को आहूत इस बैठक में परिवहन मंत्री ऑल इंडिया टूरिस्ट बस परमिट के मुद्दे पर भी चर्चा करेंगे। राजस्व के नुकसान के बारे में कुछ राज्यों द्वारा उठाए गए आशंका को देखते हुए, यह निर्णय लिया गया कि इस मामले को राज्यों के परिवहन मंत्री समूह के समक्ष भी विचार के लिए रखा जाए।

राष्ट्रीय परिवहन रजिस्टर के तहत वाहन और सारथी स्थलों की स्थिति के बारे में भी परिषद में मूल्यांकन किया जाएगा। राष्ट्रीय परिवहन रजिस्टर में वर्तमान में 21.2 करोड़ वाहन और 11.5 करोड़ ड्राइविंग लाइसेंस पंजीकृत हैं, और साथ ही इसके अंतर्गत 36 राज्यों / संघ शासित प्रदेशों के 1300 से भी अधिक आरटीओ शामिल हैं। इसमें आरटीओ की एक बड़ी संख्या का वह भी वास्तविक आंकड़ा शामिल है, जो अब एक केंद्रीयकृत वास्तुकला (अब तक 450 वाहन स्थल और 650 सारथी स्थल) में स्थातांतरित हो चुके हैं।

सड़क सुरक्षा के संबंध में मंत्रालय ने सभी राज्यों से सड़क दुर्घटना के नुकसान को कम करने के लिए कार्य योजना तैयार करने को कहा है। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त सड़क सुरक्षा समिति ने भी राज्यों को लक्षित उन्मुख कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया है। आगामी बैठक में सभी राज्य / केंद्र शासित प्रदेश इस संबंध में की गई कार्रवाई को प्रस्तुत करेंगे। साथ ही ब्लैक स्पॉट में सुधार की स्थिति की भी समीक्षा की जाएगी।

परिवहन परिषद जीएसटी के तहत राज्य के सीमाओं के बीच परिवहन पर भी चर्चा करेगी। पूरे देश में सहज सड़क परिवहन संयोजकता हेतु एक ईको-सिस्टम बनाने के उपायों पर सुझाव देने के लिए जीएसटी परिषद द्वारा एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है। यह सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के “वाहन” मंच के साथ प्रस्तावित जीएसटी के ई-वे बिल सिस्टम के एकीकरण पर कार्य करेगा और सड़क परिवहन में उपलब्ध बाधाओं को कम करने में भी सहायता करेगा।

उत्तर प्रदेश के परिवहन आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई थी जिसमें गुजरात, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक और असम के परिवहन आयुक्त भी शामिल हैं। इस संबंध में अभी की स्थिति पर भी चर्चा की जाएगी।

परिषद में अच्छे लोगों (गुड समरिटानों) द्वारा सुरक्षा के दिशानिर्देशों के क्रियान्वयन के संबंध में किए गए कार्यों की स्थिति पर भी चर्चा करेगी।