Supreme Court Slams Soren, forced to withdraw petition

सुप्रीम कोर्ट ने सोरेन को लगाई फटकार, याचिका वापस लेने को मजबूर

नई दिल्ली, 22 मई। सुप्रीम कोर्ट ने आज झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को फटकार लगाई, जिससे झामुमो नेता को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली अपनी याचिका वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा।

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में रांची जेल में बंद हैं। सोरेन को 16 मार्च को लोकसभा चुनाव का कार्यक्रम घोषित होने से पहले 31 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया गया था।

कपिल सिब्बल ने हेमंत सोरेन की अंतरिम जमानत के लिए अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला दिया और सोरेन के लिए भी ऐसी ही राहत की मांग की।

मामले की सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दलील दी कि अगर चुनाव प्रचार के लिए हेमंत सोरेन को अंतरिम जमानत दी गई तो जेल में बंद सभी नेता जमानत मांगेंगे।

अदालत की फटकार के बाद सोरेन के वकील कपिल सिब्बल याचिका वापस लेने पर सहमत हुए, जिसे पीठ ने अनुमति दे दी।

इससे पहले न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की अवकाश पीठ ने कहा कि अगर अदालत मामले के विवरण में गई तो यह पूर्व मुख्यमंत्री के लिए “नुकसानदेह” होगा।

ईडी ने पहले शीर्ष अदालत को बताया था कि 31 जनवरी को सोरेन की गिरफ्तारी को झारखंड उच्च न्यायालय ने बरकरार रखा था और उनकी नियमित जमानत याचिका 13 मई को ट्रायल कोर्ट ने खारिज कर दी थी।

सोरेन ने कथित दिल्ली उत्पाद शुल्क घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने के शीर्ष अदालत के आदेश का हवाला दिया और अपने लिए भी ऐसी ही राहत मांगी।