Tarini

199 दिन समुद्र में बिताने वाली ‘तरिणी’ टीम का सम्मान

Tarini Team

केन्‍द्रीय महिला व बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी आईएनएसवी तारिणी टीम के साथ

भारतीय महिलाओं के साहस और शौर्य की गाथाओं में एक नाम ‘नाविका सागर परिक्रमा’ अभियान की ‘तरिणी’ टीम का भी जुड़ गया है,  जिन्होंने   55 फुट लंबे जहाज के द्वारा विश्व परिक्रमा की। ‘तरिणी’ टीम ने 199 दिन समुद्र में बिताये और अद्भुत साहस का परिचय दिया।

चालक दल की महिला सदस्‍यों ने अनुकरणीय साहस और टीम भावना प्रदर्शित किया है। उन्‍हें 60 नॉट की गति वाली तेज हवाओं तथा 7 मीटर तक ऊंची समुद्री लहरों से जूझना पड़ा। चालक दल ने स्‍वेदशी तकनीक से निर्मित आईएनएसवी तारिणी का उपयोग किया जो 55 फुट लंबा नौवहन पोत है।

पोत ने ऊंची समुद्री लहरों, अत्‍यधिक ठंड तथा खराब समुद्री स्थितियों का सामना किया जिससे यह अभियान अत्‍यधिक चुनौ‍तीपूर्ण हो गया। चालक दल ने भारतीय मौसम विभाग की सटीक भविष्‍यवाणी के लिए नियमित रूप से मौसमी, समुद्री तथा लहर से संबंधित आंकड़ों को अपडेट किया तथा गहरे समुद्र में प्रदूषण के बारे में जानकारी साझा की। बंदरगाहों पर विश्राम के दौरान चालक दल के सदस्‍यों ने स्‍थानीय आबादी विशेषकर बच्‍चों से विस्‍तृत बातचीत की।

नई दिल्‍ली में गुरूवार को आईएनएसवी तारिणी की टीम को प्रतिष्ठित नारी शक्ति पुरस्‍कार 2017,  केन्‍द्रीय महिला व बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी ने प्रदान किया।

तारिणी टीम की सभी सदस्‍य महिलाएं हैं। टीम सदस्‍य, लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी, लेफ्टिनेंट कमांडर प्रतिभा जामवाल, लेफ्टिनेंट कमांडर स्‍वाति पतरपल्‍ली, लेफ्टिनेंट ऐश्‍वर्या वोडापट्टी, लेफ्टिनेंट एस. एच. विजया देवी तथा लेफ्टिनेंट पायल गुप्‍ता ने मंत्री महोदया से पुरस्‍कार ग्रहण किया।

महिला चालक दल का नेतृत्‍व लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी ने किया तथा सागर परिक्रमा की इस यात्रा का संचालन किया।

इस यात्रा में कुल 254 दिन लगे। इनमें से 199 दिन समुद्र में बिताये गए और 21600 समुद्री मील की दूरी तय की गई। गोवा में हुई घर वापसी से पहले आईएनएसवी तारिणी ऑस्‍ट्रेलिया के फ्रेमेंटल, न्‍यूजीलैंड के लि‍टेल्‍टन, फॉकलैंड के पोर्ट स्‍टेनली, दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन तथा अंत में मॉरीशस बंदरगाहों पर विश्राम किया।

सभी छह महिला सदस्‍यों को कैप्‍टन दि‍लीप डोंडे ने तीन वर्ष तक प्रशिfक्षत किया। कैप्‍टन दिलीप डोंडे 2009 और 2010 के बीच अकेले सागर परिक्रमा करने वाले पहले भारतीय हैं।

राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अंतर्राष्‍ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च, 2018) के अवसर पर राष्‍ट्रपति भवन में नारी शक्ति पुरस्‍कार प्रदान किए। चूंकि आईएनएसवी तारिणी टीम सागर परिक्रमा की यात्रा पर थी इसलिए ये पुरस्‍कार उस समय नहीं दिए जा सके थे।

भारतीय नौसेना नौवहन पोत ‘तारिणी’ की चालक दल भारतीय नौसेना के विशिष्‍ट परियोजना ‘नाविका सागर परिक्रमा’ का एक हिस्‍सा है जिसकी सभी सदस्‍य महिलाएं होती हैं।

इस परियोजना के तहत सागर की परिक्रमा की जाती है, समुद्री नौवहन गतिविधियों को प्रोत्‍साहित किया जाता है तथा महिला सशक्तिकरण के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया जाता है।

चालक दल की प्रत्‍येक सदस्‍य को कम-से-कम 20,000 समुद्री मील नौकायन का अनुभव प्राप्‍त है। इस परियोजना का लक्ष्‍य विश्‍व मंच पर नारी शक्ति को प्रदर्शित करना है। स्‍वदेशी तकनीक से निर्मित आईएनएसवी तारिणी के माध्‍यम से ‘मेक इन इंडिया’ पहल को भी प्रदर्शित किया गया।