देश में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता प्रतिदिन 500 ग्राम हो जाने की संभावना

नई दिल्ली, 16 नवंबर। दूध उत्पादन में वृद्धि से देश में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता प्रतिदिन 337 ग्राम के मौजूदा स्तर से 2021 -22 तक प्रतिदिन 500 ग्राम हो जाने की संभावना है। इस योजना में 2242 करोड़ रुपये खर्च होंगे। पशु स्वास्थ्य की दिशा में लगातार जागरुकता फैलाना और पशु स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करना भी बेहद जरूरी है। दूध एवं दूध उत्पादों की मांग में वृद्धि हो रही है और 2025 तक दूध की मांग बढकर 24 करोड टन हो जाने की संभावना है।

यह जानकारी केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने दी। कृषि मंत्री ने ये बात मंगलवार को राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड में डेयरी उद्योग के हितधारक सम्मेलन में कही।

सिंह ने कहा है कि डेयरी में लगे लोगों की मेहनत और केन्द्र सरकार के अथक प्रयासों की वजह से भारत ने दूध -उत्पादन में 4.2 प्रतिशत की औसत वृद्धि दर हासिल कर विश्व के 2.2 प्रतिशत की औसत वृद्धि दर को पीछे छोड़ दिया है। 2015-16 में भारत में दूध दृ उत्पादन की वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रही।

केंद्रीय कृषि मंत्री ने बताया कि भारत 15 वर्षों से दूध उत्पादन में विश्व में नंबर वन बना हुआ है और इसका श्रेय छोटे दूध उत्पादकों को जाता है।

राधा मोहन सिंह ने इस अवसर पर कहा कि डेयरी में विज्ञान और आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करना अब बेहद जरूरी हो गया है क्योंकि भारत में दुनिया की सबसे अच्छी गौ प्रजातियां होने के बावजूद यहां दूध की उत्पादकता नहीं बढ़ रही है।

सिंह ने बताया कि कृषि मंत्रालय ने दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं जिसमें गोकुल मिशन प्रमुख है। विश्व बैंक और केन्द्र सरकार के सहयोग से एन.डी.डी.बी ने केन्द्रीय क्षेत्र योजना श्राष्ट्रीय डेयरी योजना चरण -1 (एनडीपी-1) के तहत कई कदम उठाए हैं। इसमें गोजातीय आबादी में अनुवाशिंक सुधारए गांवों में बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाना और दूध उत्पादकों को अतिरिक्त दूध बेचने के अवसर मुहैया कराना शामिल है। एनडीपी -1 की शुरुआत 14 राज्यों से हुई थी और अभी इसे झारखंड, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और तेलंगाना सहित 18 राज्यों में चलाया जा रहा है।

किसान कल्याण मंत्री ने कहा कि विकास के लिए दूध उत्पादन में 6 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि होनी चाहिए। इसके लिए उन्नत प्रौद्योगिकी, क्षमता निर्माण, मार्केटिंग, वैज्ञानिक पशु प्रबंधन, दूध उत्पादन से संबंधित जानकारी और बेहतर ऋण सुविधा से संचालित डेयरी जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि डेयरी में महिलाओं और युवाओं को अच्छा रोजगार मिल रहा है। वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करनी है और इस लक्ष्य को हासिल करने मे डेयरी की अहम भूमिका है।