Rajnath

एससीओ देशों में प्राकृतिक आपदाओं में तीन लाख की मौत

नई दिल्ली, 25अगस्त  (जनसमा)| शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) देशों में प्राकृतिक आपदाओं से तीन लाख लोगों की मृत्‍यु हुई है ।  इन देशों में शामिल हैं चीन, भारत, कजाखस्तान, किर्गिज़स्तान, पाकिस्तान, रूस ,ताजिकिस्तान और उज़्बेकिस्तान  है।आर्थिक रूप से भी भारी नुकसान हुआ है। हम प्राकृतिक और मानव निर्मित जोखिमों से घिरे हुए है। भूकंप, बाढ़, तूफान, चट्टानें खिसकने और महामारी जैसी प्राकृतिक आपदाओं से बड़े पैमानों पर लोगों की मृत्‍यु होती है। जलवायु परिवर्तन को देखते हुए जल और मौसम संबंधी जोखिम बढ़ने की संभावना है।

यह बात गुरूवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ)  देशों के सरकारों के प्रमुखों की 9 वीं बैठक में किर्गिज गणराज्‍य के चोलपोन-एटा में भारत के गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कही।

उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले एक दशक में प्राकृतिक आपदाओं, खासकर तूफानों से होने वाले नुकसान और मौतों को एक प्रतिशत से भी नीचे लाने में सफलता प्राप्त की है। 1999 में जहो ओडिशा में आए तूफान में दस हजार से ज्यादा लोग मौत के शिकार हुए थे, वहीं फैलीन और हुदहुद जैसे दो बड़े तूफानों में मरने वालों की संख्‍या घटकर 45 रही। इसके मायने यह है कि एक दशक से थोड़ा अधिक समय में हम मृत्‍यु दर को एक प्रतिशत से भी नीचे करने में सफल रहे हैं।

The Union Home Minister, Shri Rajnath Singh signing the Protocol for Cooperation on Disaster Prevention issues among the SCO members, at the Cholpon Ata meeting, in Kyrgyz Republic on August 24, 2017.

राजनाथ सिंह ने कहा कि तूफान संबंधी मृत्‍यु में कमी लाने के अतिरिक्‍त हमने अत्‍यधिक तापमान के कारण होने वाली मृत्‍यु को कम करने के लिए आवश्‍यक कदम उठाए हैं। मौसम वैज्ञानिकों, आपदा प्रबंधकों, सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारियों, स्‍थानीय निकायों, निर्माणस्‍थल के प्रबंधकों, जल तथा बिजली सप्‍लाई करने वाले विभागों के साथ काम करके हमने गर्म हवाओं के बारे में चेतावनी तंत्र में सुधार किया है। यह व्‍यवस्‍था स्‍थानीय स्‍तर पर भी लागू की गई है।

राजनाथ सिंह ने बताया कि इससे भारत में गर्म हवाओं से मरने वाले लोगों की संख्‍या कम करने में मदद मिली है। गर्मी से 2015 में जहां भारत में 2000 लोगों की मृत्‍यु हो गई थी, वहीं 2017 में गर्म हवाओं से 250 लोग ही मारे गये हैं।