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तीन तलाक : महिला सशक्तिकरण की दिशा में प्रभावशाली उपाय

नई दिल्ली, 22 अगस्त | प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने मंगलवार को तीन तलाक पर सर्वोच्‍च न्‍यायालय के फैसले का स्‍वागत किया है। इस फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे मुस्लिम महिलाओं को समानता का अधिकार मिलता है और यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक प्रभावशाली उपाय है।

उच्चतम न्यायालय ने मुस्लिम समुदाय में प्रचलित तीन   तलाक की प्रथा को असंवैधानिक, अवैध और अमान्य बताया  है। तीन-दो के मत से सुनाये गए फैसले में कहा है कि तीन तलाक  कुरान के मूल तत्व के खिलाफ है और अस्वीकार्य है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘तीन तलाक पर माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय का फैसला ऐतिहासिक है। इससे मुस्लिम महिलाओं को समानता का अधिकार मिलता है और यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक प्रभावशाली उपाय है’।

अमित शाह 
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने तीन तलाक पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को ऐतिहासिक बताया और कहा तीन तलाक को असंवैधानिक घोषित कर सर्वोच्च न्यायालय ने करोड़ों मुस्लिम महिलाओं को आत्म सम्मान के साथ जीने का आधिकार दिया है।

“मैं इस ऐतिहासिक फैसले का स्वागत करता हूं। यह निर्णय किसी की जीत या हार का नहीं है। यह मुस्लिम महिलाओं के मूल संवैधानिक अधिकारों व उनके समानता के साथ जीने के अधिकार की जीत है।

शाह ने कहा कि “यह मुस्लिम महिलाओं के आत्मसम्मान व बराबरी के साथ जीने के नए युग की शुरुआत है। भाजपा मुस्लिम महिलाओं को दिए जाने वाले अधिकार का स्वागत करती है और इसे न्यू इंडिया की तरफ बढ़ता हुआ एक कदम मानती है।”

राजीव प्रताप रूडी

राजीव प्रताप रूडी ने ट्वीट कर कहा कि सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला है। मुस्लिम महिलाएँ हुई सबल, मिला उनको अपना अधिकार।

मेनका गांधी

महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि महिलाओं को सुरक्षा और समानता देने के लिए यह एक महत्‍वपूर्ण कदम है। इट्स ए गुड जजमेंट, इट विल गो इट्स ए वन स्‍टेप फॉरवर्ड फॉर जेंडर जस्टिस एंड जेंडर इक्विलेटी एंड इट्स गुड्स फॉर वूमेन।

राज्‍यवर्धन राठौड़

सूचना और प्रसारण राज्‍य मंत्री कर्नल राज्‍यवर्धन राठौड़ ने कहा कि प्रत्‍येक महिला बिना किसी भेदभाव के अपने संवैधानिक अधिकारों की रक्षा चाहती है और इस दिशा में यह फैसला अहम भूमिका निभायेगा।