COVID 19

कोरोनावायरस के लक्षणों और बचाव के बारे में डाक्टरों की बातें विस्तार से समझें

बैठक मे डीजीएचएस के निदेशक डॉ. नूतन मुंडेजा और एनसीडीसी के निदेशक डॉ. सुजीत कुमार सिंह ने दिल्ली सरकार द्वारा आयोजित टास्क फोर्स की बैठक में रविवार 08 मार्च, 2020 को नाॅवेल कोरोनावायरस (COVID 19)  के लक्षणों और बचाव के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

डॉ. नूतन मुंडेजा ने कहा कि नाॅवेल कोरोनावायरस (COVID 19)  एक श्वसन वायरस है और समस्या के लक्षण खांसी और जुकाम हैं।

डॉ. नूतन मुंडेजा

वायरस संक्रमण संक्रामक है, जिसका अर्थ है कि एक व्यक्ति खाँसते और छींकने के माध्यम से वायरस को फैल सकता है, जो कि 1-1.25 मीटर की छोटी दूरी पर हो सकता है। हर किसी को खांसते और छींकते समय अपना मुंह और नाक ढक कर रखना चाहिए ताकि कोई भी बूंद दूसरे व्यक्ति की आंखों, नाक या मुंह तक न पहुंच सके।

वायरस के संचरण से बचने के लिए कपड़ा रूमाल से ढंकने की बजाय टीसू या कोहनी से अपने चेहरे को ढंकना उचित है। दूसरा, यदि बूंदें किसी अन्य व्यक्ति तक नहीं पहुंचती हैं, तो वे एक सतह पर बैठ जाते हैं, जिसे बाद में विभिन्न लोगों द्वारा छुआ जा सकता है। ये बूंदें कठोर सतहों पर दो दिनों में और साफ्ट जगहों पर 7 से 8 दिन में अपना प्रभाव खो देती हैं।

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लोगों के लिए इन सतहों को छूने और फिर उनकी आंखों, नाक और मुंह को छूने की बहुत संभावना है, जिससे शरीर में वायरस के प्रवेश की संभावना बढ़ जाती है। यही कारण है कि हम लोगों को बार बार हाथ धोने के लिए कह रहे हैं और ऐसी जगहों को अनावश्यक हाथ न से न छूएं।

उन्होंने कहा कि अगर एक स्वस्थ व्यक्ति घंटों तक लगातार मास्क पहनता है, तो वे असहज हो सकते हैं। वे अपने मास्क को समायोजित करेंगे और अपने हाथों से अपने चेहरे को स्पर्श करेंगे, जो कुछ अवांछित सतहों को छू सकते हैं।

एक व्यक्ति जो श्वसन रोगों से पीड़ित है, उसे वायरस का प्रसार रोकने के लिए मास्क पहनना चाहिए। एक स्वस्थ व्यक्ति को मास्क नहीं पहनने की सलाह दी जाती है, क्योंकि ऐसा करने से, उसमें संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है।

साथ ही सांस की बीमारी से कोई पीड़ित है, जो उसे मास्क पहनने की सलाह देना हमारी सामाजिक जिम्मेदारी बनती है।

 डाॅक्टर सुजीत कुमार सिंह

एनसीडीसी के निदेशक डाॅक्टर सुजीत कुमार सिंह ने बताया कि स्वस्थ्य व्यक्ति को मास्क नहीं पहनना चाहिए। यह अनावश्यक लोगों में घबराहट पैदा करता है। साथ ही लोगों में इस बात की गलतफहमी पैदा करता है कि शायद आप इसके मरीज तो नहीं हैं।

स्वस्थ्य व्यक्ति को मास्क लगाने से कोई फायदा नहीं होने वाला है। मेडिकल के अनुसार, हर 6 घंटे मे मास्क को बदलना चाहिए। आपको सर्दी, खांसी या जुकाम है या फिर आप बाहर से यात्रा करके आ रहे हैं तो उस समय आप मास्क पहन सकते हैं। लेकिन यदि आप ऐसे ही जा रहे हैं तो बिल्कुल मास्क न पहनिए।

यदि आप में नाॅवेल कोरोनावायरस (COVID 19)  के लक्षण हैं और कही जा रहे हैं तो जरूर पहनिए।

मरीज को कभी सावर्जनिक वाहन का उपयोग नहीं करना चाहिए। वह अपने निजी वाहन का इस्तेमाल करे और निजी वाहन नहीं है तो वह सरकारी एंबुलेंस की मदद लें। आम जनता के ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करने से अन्य लोगों में भी संक्रमण फैल सकता है।

डाॅक्टर सिंह ने बताया कि एन-95 मास्क का चलन बहुत ज्यादा है। हर व्यक्ति चाहता है कि वह बेहतर मास्क का इस्तेमाल करे, लेकिन इसकी कोई जरूरत नहीं है। एन-95 मास्ट हेल्थ केयर वर्कर्स को पहनने की जरूर है, जो सेंपल ले रहा है।

अस्पताल में काम करने वाली नर्सों को भी मास्क की जरूरत नहीं है। जो डाक्टर सीधे मरीज को छू रहा है या परीक्षण कर रहा है, उसे एन-95 मास्क पहनने की जरूरत है।

सही जानकारी न होने की वजह से हम मास्क (Mask) को लेकर अफरा-तफरी मचा देते हैं। इससे अनावश्यक मार्केट में मास्क की कमी हो जाती है। वहीं, हेल्थ सेनेटाइजर की भी कोई आवश्यकता नहीं है।

पानी से ही 15 से 20 सेकेंड तक अच्छे से हाथ धोने पर कीटाणु मर जाते हैं, लेकिन नियमित रूप से हाथ धोना बहुत ही जरूरी है। यदि डाॅक्टर मास्क पहनने के लिए सलाह दें, तभी पहनें।

साथ ही, दिल्ली सरकार ने प्रदेश व जिला स्तर पर 24 घंटे के लिए नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है। इसका हेल्पलाइन नंबर 011-22307145/011-22300012/22300036 है।