Naidu

योग जैसी प्राचीन वैज्ञानिक प्रणाली को धर्म से जोड़ना दुर्भाग्यपूर्ण

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि कुछ लोगो द्वारा योग जैसी प्राचीन वैज्ञानिक प्रणाली को धर्म से जोड़ना दुर्भाग्यपूर्ण है।

वेंकैया नायडू ने आज मुंबई में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि योग का प्राचीन विज्ञान भारत का आधुनिक विश्व को अमूल्य उपहार है।

इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस और अन्य गणमान्य अतिथि भी उपस्थित थे।

उन्होंने कहा कि  बेहतर स्वास्थ्य और सुख के लिए योग सर्वांगीण पद्धति है और इसके शारीरिक,भावात्मक और आध्यात्मिक आयाम हैं।

ऋषि पतंजलि का स्मरण करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि योग किसी भी व्यक्ति को उसके विचारो को नियंत्रित करने में सहायता करता है और आंतरिक सामंजस्य द्वारा  शांति को प्राप्त करने में मदद करता है।

उपराष्ट्रपति ने लोगो से आधुनिक जीवनशैली की स्वास्थ्य समस्याओ से निपटने के लिए योग को दिनचर्चा में शामिल करने का आव्हान किया।

उन्होंने कहा कि योग को विद्यालय पाठ्यक्रम का भाग बनाने का समय आ गया है ताकि भारत भविष्य में स्वस्थ और प्रसन्न लोगों का राष्ट्र बन सके।

वेंकैया नायडू ने कहा कि शारीरिक और मानसिक दक्षता को बढ़ाने के साथ-साथ योग का अभ्यास किसी भी व्यक्ति को जीवन में हर समय संतुलित भाव रखने में सहायता प्रदान करता है।