Allahabad Sangam

उत्तर प्रदेश मंत्रिमण्डल द्वारा इलाहाबाद का नाम प्रयागराज करने का फैसला

उत्तर प्रदेश मंत्रिमण्डल ने मंगलवार को इलाहाबाद शहर का नाम प्रयागराज करने का फैसला किया।

इसकी घोषणा राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने की।

सिंह ने कहा कि रेलवे समेत सभी विभागों को नाम बदलने के लिए कहा जाएगा।

सिंह ने कहा कि नया नाम आज से प्रभावी हो गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को इलाहाबाद की अपनी यात्रा के दौरान कहा था कि यदि आम सहमति है तो इलाहाबाद शहर का नाम प्रयागराज कर दिया जाना चाहिए।

वैदिक काल से ही प्रयाग को सबसे बड़े तीर्थ स्थल के रूप में जाना जाता है। यहां भारत की दो सबसे पवित्र नदियों.गंगा और यमुना का संगम है।

ऐसा कहा जाता है कि संगम में मरने वाला व्यक्ति पुनर्जन्म के चक्र से मुक्त होता है और मोक्ष प्राप्त करता है।

महाभारत, अग्निपुराण,  पदम पुराण और सूर्य पुराण में भी प्रयाग का उल्लेख है । विनय पत्रिका में भी इसका उल्लेख है कि गौतम बुद्ध ने भी 450 बीसी में प्रयाग की यात्रा की थी।

मंत्रिमंडल के निर्णय के बारे में सूचना विभाग द्वारा जारी एक प्रेस रिलीज में कहा गया है कि प्राचीन ग्रंथों में हमारे देश में कुल 14 प्रयाग स्थल वर्णित है, इनमें प्रयाग इलाहाबाद के अतिरिक्त किसी अन्य स्थल का नाम परिवर्तित नहीं हुआ है जबकि इस नगर को सभी प्रयागों का राजा अर्थात प्रयागराज कहा जाता है।

मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि जनपद एवं नगर का नाम प्रयाग से इलाहाबाद परिवर्तित होने के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक भ्रम की स्थिति हमेशा उत्पन्न रही है, जिसके निवारण के लिए संपूर्ण संस्कृतियों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रयाग का नाम इसे प्रयाग अथवा प्रयागराज के रूप में वापस मिलना तर्कपूर्ण न्यायसंगत प्रतीत होता है।

प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि जनपद इलाहाबाद एवं नगर इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किये जाने से जहां एक ओर राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय संस्कृति के प्रचार प्रसार को बल मिलेगा तथा धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, वहीं दूसरी ओर इसकी वैदिक एवं पौराणिक पहचान भी अक्षुण्ण रह सकेगी।