वीरभद्र ने घरोग-घंडल पेयजल योजना का कार्य शीघ्र पूरा करने के दिए निर्देश

शिमला, 25 नवंबर (जस)। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने गुरूवार को यहां शिमला पेयजल एवं मल निकासी वृत से सम्बन्धित लंबित मामलों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र की 105 करोड़ रुपये की घरोग-घंडल पेयजल योजना का कार्य शीघ्र पूर्ण किया जाए। इस योजना के पूरा होने से क्षेत्र की 41 पंचायतें लाभान्वित होंगी।

उन्होंने शिमला शहर के लोगों की बढ़ती पेयजल की मांग को देखते हुए गुणत्ता को ध्यान में रखकर अश्वनी खड्ड से पानी को उठाने को कहा। मुख्यमंत्री ने अश्वनी खड्ड पर प्रदूषण पर नजर रखने तथा नदी के ऊपर की ओर मल निकासी का सही प्रकार निपटान सुनिश्चित बनाने के लिए एक योजना तैयार करने के भी निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने मुख्य लाइनों व वितरण पाइपों में हो रहे पानी के रिसाव को बंद करने के भी निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि मुरम्मत पर होने वाले अतिरिक्त व्यय को कम करने की दृष्टि से गिरि नदी से जहां से पानी उठाया जा रहा है, की एक हजार मीटर पाइपों को बदला जा रहा है। इनके बदलने के उपरांत प्रतिदिन पांच मिलियन लिटर जलापूर्ति में वृद्धि होगी।

बैठक में यह भी बताया गया कि अश्वनी खड्ड के पानी के सैंपल नियमित रूप से लिए जा रहे हैं और उन्हें राष्ट्रीय वायरोलोजी संस्थान, पुणे को भेजा जा रहा है और रिपोर्ट के अनुसार बायोकेमिकल आक्सीजन डिमांड अब 10 एम.जी./1 से कम है जो शहर में फैले पीलिया के दौरान दिसम्बर, 2015 के तीसरे सप्ताह में 120 एमजी/1 से अधिक थी।