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दिल्ली सहित अनेक शहरों में वितरित किये जाने वाला पानी साफ नहीं

दिल्ली सहित अनेक शहरों में  नलों द्वारा वितरित किये जाने वाला पीने का पानी (drinking water)  साफ नहीं है।

भारतीय मानक ब्‍यूरो के माध्‍म से दिल्‍ली तथा राज्‍यों की राजधानियों में नल के पानी (tap water) की गुणवत्‍ता जांच करायी गई और इसमें दिल्‍ली के विभिन्‍न स्‍थानों से एकत्र किए गए पानी के ग्‍यारह नमूने कई निर्धारित मानदंडों (Indian Standard) में से खरे नहीं उतर पाए।

जाँच रिपोर्ट में मुबंई से एकत्र किए गए नल के पानी(tap water) के सभी 10 नमूने सभी मानदंडों पर खरे पाए गए।

केन्‍द्रीय खाद्य एंव उपभोक्‍ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने 16 अक्तूबर को दिल्‍ली और राज्‍यों की राजधानियों में उपलब्‍ध कराये जाने वाले जल की गुणवत्‍ता पर रिपोर्ट जारी की।

यह रिपोर्ट देष के हर घर में 2024 तक नलों के जरिए लोगों को पीने का साफ पानी उपलब्‍ध कराने के प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के जल जीवन अभियान के अनुरूप जारी की गई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि  दिल्‍ली के विभिन्‍न स्‍थानों से एकत्र किए गए पानी के ग्‍यारह नमूने कई निर्धारित मानदंडों  में से खरे नहीं उतर पाए।

रिपोर्ट  के अनुसार मुबंई से एकत्र किए गए 10 नमूने सभी मानदंडों पर खरे पाए गए।

हैदराबाद, भुवनेश्‍वर,रांची,रायपुर,अमरावती और शिमला के पानी (water)के एक या उससे अधिक नमूने मानदंडों पर सही नहीं पाए गए।

तेरह  राज्‍यों की राजधानियों  जैसे चंडीगढ़, तिरुवनंतपुरम, पटना, भोपाल, गुवाहाटी, बेंगलूरु, गांधीनगर, लखनऊ, जम्‍मू, जयपुर, देहरादून,चेन्‍नई और कोलकाता से लिए गए पानी (Water)के नमूनों में से कोई भी निर्धारित मानकों पर सही नहीं पाए गए।

पासवान ने पत्रकारों से कहा कि रिपोर्ट जारी करने का उद्देश्‍य यह है कि सभी को पीने का साफ पानी (Clean water) मिल सके। रिपोर्ट का उद्देश्‍य किसी को हतोत्‍साहित करना नहीं बल्कि राज्‍य सरकारों को नलों के जरिए लोगों तक स्‍वच्‍छ जलआपूर्ति (Clean water supply) सुनिश्चित  करने के लिए प्रोत्‍साहित करना है।

पासवान ने यह भी कहा कि तीसरे चरण के तहत पूर्वोत्‍तर राज्‍यों की राजधानियों तथा आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा घोषित स्‍मार्ट शहरों से  पानी के नमूने इकठ्ठे किए गए हैं।इनकी जांच की जा रही है। परिणाम 15 जनवरी 2020 तक आ जाने की उम्‍मीद है।

तीसरे चरण में देश के सभी जिला मुख्‍यालयों से पानी के नमूने लिए जाएंगे। इनकी जांच का काम 15 अगस्‍त 2020 तक पूरा करने की योजना है।

पासवान ने कहा कि सरकार चाहती है कि नलों से आपूति किए जाने वाले सभी तरह के पानी के लिए भारतीय मानक ब्‍यूरो के मानदंड निर्धारित किए जाएं ताकि सभी कि लिए गुणवत्‍ता युक्‍त पीने का पानी सुनिश्चित किया जा सके।