जब मुख्यमंत्री ने बच्चों को पढ़ाया और बताया भाषा का महत्व

भोपाल, 18 फरवरी (जनसमा)। पाठ पढ़ते, कविता सुनाते, जोड़-घटाना करते और शिक्षाप्रद कहानी सुनते-सुनाते भाँजे-भाँजियाँ और उन्हें ज्ञान-संस्कार की सीख देने का आत्मीय दृश्य शनिवार को भोपाल के शासकीय संजय गांधी माध्यमिक शाला में देखने को मिला, जहाँ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान छात्र-छात्राओं को पढ़ाने शिक्षक के रूप में पहुँचे। उन्होंने बच्चों को प्रेरणाप्रद कहानियाँ सुनाई, जोड़-घटाना और गुणा-भाग के प्रश्न हल करवाये। बच्चों में आत्मविश्वास और जीवन में निरंतर अच्छे से अच्छा करने की ऊर्जा एवं उत्साह का संचार करते हुए उन्हें बहुत ही स्नेहिल और आत्मीय ढंग से राष्ट्रभक्त और कर्त्तव्यनिष्ठ नागरिक बनने की सीख दी।

मुख्यमंत्री चौहान ने लगभग सवा घंटा बच्चों के साथ शिक्षक के रूप में बिताया। बच्चों के साथ घुल-मिलकर उन्हें छोटी-छोटी बातों से बड़ी-बड़ी सीख दी, जिससे बच्चे भारी उत्साहित थे। चौहान बच्चों में पढ़ने का कौशल और समझ बढ़ाने के लिये प्रदेशव्यापी मिल-बाँचें कार्यक्रम में यहाँ पहुँचे थे, जहाँ उन्होंने एक शिक्षक की भूमिका को बखूबी निभाया। इसी विद्यालय में चौहान ने भी कक्षा छटवीं से आठवीं तक की शिक्षा प्राप्त की थी। मुख्यमंत्री ने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि अच्छे गुणों को अपने जीवन में उतारने से व्यक्ति महान बनता है।

शिवराज ने बच्चों से पुस्तकों के पाठ का पठन भी करवाया तथा उससे मिलने वाली शिक्षा पर बात की। उन्होंने फूल की अभिलाषा के द्वारा देश प्रेम और राष्ट्र भक्ति की भावना बच्चों में भरी।

मुख्यमंत्री ने मिल-बाँचे अभियान की मंशा के अनुरूप बच्चों से पाठ्य-पुस्तक के पाठों का पठन करवाया। चौहान ने बच्चों का आव्हान किया कि देश-दुनिया की सेवा के लिये ज्ञान-अर्जन का प्रयास करें। ऐसा जीवन जीयें जिस पर उनके माता-पिता, गुरुजन और देश-प्रदेश गर्व करे। अपने गुणों को निखारने और बेहतर से बेहतर बनाने के लिये प्रयास करें। उन्होंने स्वयं का उदाहरण देते हुये बताया कि वे जब विद्यालय की ओर से भ्रमण पर जाते थे, छात्रों और शिक्षकों की अधिक से अधिक मदद के प्रयास करते थे। इसी भावना के साथ वे निरंतर आगे बढ़ते गये।