जानिए, नोट बदलने में क्यों लग जाएंगे 6 महीने?

नई दिल्ली, 17 नवंबर | क्या नोटबंदी के बाद उसकी जगह नए नोटों को जल्द चलन में लाया जा सकेगा? इस सवाल का जवाब यह है कि इसकी संभावना बहुत कम है। देश में नोट छापने की जो कुल क्षमता है, उसके हिसाब से इसमें कम से कम छह महीने का वक्त लगेगा। यह बात खासतौर से 500 के नए नोट पर लागू होती है, जिसकी छपाई, अनुमान लगाया जा रहा है कि 10 नवंबर के बाद शुरू की गई है। जब तक 500 के नए नोट पर्याप्त  रूप से चलन में नहीं आ जाएंगे, तब तक नकदी का संकट महसूस होता रहेगा। यह सही है कि 2,000 के नए नोट जारी किए जा रहे हैं लेकिन इससे लोगों की तकलीफें कम नहीं होंगी क्योंकि इसका खुल्ला मिलना मुश्किल है।

2,000 के नोट बड़ी संख्या में छापे जा चुके हैं।

फोटो : एक बैंक में 500 रुपए के पुराने नोट बदलवाने के लिए कतार में खड़े लोग। (आईएएनएस)

केंद्र सरकार द्वारा 500 और 1,000 रुपये के नोट प्रचलन से बंद करने के फैसले के बाद देश भर में घबराहट फैल गई है। लोग परेशान हैं। बैंकों और एटीएम के बाहर रोजाना लंबी लाइनें लगती है क्योंकि पर्याप्त संख्या में नए नोट मुहैया ही नहीं कराए गए हैं।

सार्वजनिक स्रोत्रों से मिली जानकारी के विश्लेषण से पता चलता है कि सरकार द्वारा यह कहना कि जल्द ही ‘पर्याप्त संख्या में नोट’ जारी हो जाएंगे, बहुत ज्यादा आशावादी नजरिया है क्योंकि देश के नोट छापने वाले प्रिटिंग प्रेस के पास एक साथ इतने नोट छापने की क्षमता ही नहीं है।

वर्तमान में चार प्रेस में नोट छपते हैं। इसमें एक नासिक (महाराष्ट्र), दूसरा देवास (मध्य प्रदेश), तीसरा सालबोनी (पश्चिम बंगाल) और चौथा मैसुरु (कर्नाटक) में है।

इन प्रेस की दो शिफ्टों में नोट छापने की कुल क्षमता 26.66 अरब नोट है। अगर तीन शिफ्टों में ये काम करें तो एक साल में इनमें 40 अरब नोट छप सकते हैं।

नोटबंदी से 500 के कुल 15.78 अरब नोट और 1,000 के कुल 6.84 अरब नोट प्रचलन से बाहर हो गए हैं। अब अवैध घोषित किए जा चुके 1000 के नोट के कुल मूल्य की जगह इतने ही मूल्य के नए 2,000 के नोट छापने हों तो प्रेस में क्षमता के हिसाब से केवल आधे यानि 3.42 अरब नोट ही छप सकेंगे। इसी तरह मान लें कि 500 के नए नोट 10 नवंबर से छपने लगे हैं तो 500 के पुराने नोट से इसे बदलने में करीब छह महीने का समय लगेगा।

इसका अर्थ हुआ कि नए नोट पूरी क्षमता से अगले साल अप्रैल अंत में ही आ सकेंगे। यानि, साफ है कि यह अवधि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश से मांगी गई 50 दिन की अवधि से ज्यादा होने जा रही है।          –आईएएनएस