Triple talaq_Yogi

योगी ने कहा, सरकार पूरी क्षमता से तीन तलाक पीड़िताओं के साथ

उत्तर प्रदेश सरकार पूरी क्षमता के साथ तीन तलाक (Triple talaq) पीड़िताओं (victims) के साथ है।

सरकार के इस निश्चय का ऐलान (annunciation) करते हुए लखनऊ में 25 सितंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन तलाक (Triple talaq)  पीड़ित महिलाओं (Suffering women) से कहा कि इंसाफ नहीं मिलने तक सरकार हर पीड़ित को साल में छह हजार रुपये देगी। इसके साथ ही पात्रता के अनुसार केंद्र एवं प्रदेश सरकार की सारी योजनाओं का भी लाभ देंगी।

मुख्यमंत्री बुधवार को यहां इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में तीन तलाक (Triple talaq) से पीड़ित महिलाओं के साथ संवाद कर रहे थे।

पीएम जन विकास कार्यक्रम के तहत आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार तीन तलाक  (Triple talaq)  पीड़िताओं की निःशुल्क पैरवी करेगी। उनके बच्चों को निरूशुल्क शिक्षा, पात्रता के अनुसार उनको केंद्र एवं प्रदेश सरकार की सभी योजनाओं से संतृप्ति भी किया जाएगा।

योगी ने कहा कि योग्यता के अनुसार तीन तलाक (Triple talaq)  पीड़ित (victims) महिलाओं को सरकार समायोजित भी करेगी। कौशल विकास कार्यक्रम के तहत रुचि के अनुसार प्रशिक्षण देकर उनको आत्मनिर्भर भी बनाएंगे।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि तीन तलाक (Triple talaq)  पीड़ित महिलाओं को चिह्नित करने के लिए सभी मंडलों में इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाएं तथा सबके आवेदन लिए जाएं।

उन्होंने यह भी कहा कि इनकी समीक्षा अपर मुख्य सचिव गृह स्वयं करेंगे। जांच करने वाले पुलिस अधिकारी की जवाबदेही और दोषी पाए जाने पर उसके लिए दंड भी सुनिश्चित किया जाएगा।

समाज कल्याण और संबंधित विभाग मिलकर तीन तलाक (Triple Talaq ) पीड़िताओं के समग्र विकास के लिए ठोस कार्ययोजना बनाकर उसे प्रभावी तरीके से अमल में लाएं।

मुख्यमंत्री ने आदेश के लहजे में कहा कि वक्फ की संपत्ति (Waqf property) में भी पीड़िताओं को हक दिलाना सुनिश्चित करें।

मुख्यमंत्री ने कहा ‘बिना भेदभाव के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) द्वारा एक बड़े वर्ग की महिलाओं के सम्मान और सशक्तिकरण के लिए जो कदम उठाए गए हैं उसके लिए मैं उनकी भी सराहना करता हूं। यह काम तो आजादी के तुरंत बाद हो सकता था।’

योगी ने कहा कि पाकिस्तान (Pakistan) सहित दुनिया के 22 देशों में तीन तलाक की कुप्रथा नहीं है। शरीयत (Sharia) में भी इसका जिक्र नहीं है लेकिन धर्मनिरपेक्षता को लबादा पहनकर तुष्टिकरण की राजनीति करने वालों ने इस काम को अपने राजनीतिक हित के नाते नहीं किया। वह भी तब जब सुप्रीमकोर्ट पांच बार ऐसा करने का‍ निर्देश दे चुका था। शाहबानों केस के बाद इनका असली चेहरा बेनकाब हो गया।

कार्यक्रम के शुरू में जौनपुर की रेशमा बानो, अमरोहा की सुमैला जावेद, सिद्धार्थनगर की हसीना, सीतापुर की हिना फातिमा और अलीगढ़ की रूही फातिमा ने आप बीती सुनाई।