अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था में सहयोग करेगा भारत : अकबर

ब्रसेल्स, 5 अक्टूबर | भारत ने अफगानिस्तान और क्षेत्र में शांति, स्थिरता और प्रगति को बनाए रखने के लिए अफगानिस्तान के साथ काम करने की अपनी प्रतिबद्धता और इच्छा को रेखांकित किया है। अफगानिस्तान पर ब्रसेल्स सम्मेलन ‘क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग – क्षेत्रीय एकता और समृद्धि’ से पूर्व मंगलवार शाम आयोजित एक समारोह में विदेश राज्य मंत्री एम.जे. अकबर ने यह संदेश दिया।

उन्होंने कहा, “हमें अपने भविष्य को अतीत की त्रासदियों और वर्तमान की अनिश्चितताओं से बचाना है। इसके लिए अफगानिस्तान को अपनी क्षमताओं को बढ़ाने की जरूरत है, उसे बुनियादी सुविधाओं और संसाधनों की जरूरत है और उससे भी अधिक उसे क्षेत्रीय बाजारों के साथ जुड़ने की जरूरत है। इसलिए इस समारोह ‘क्षेत्रीय एकता और समृद्धि’ का एक खास महत्व है।”

अकबर ने कहा कि भारत ने अफगानिस्तान के साथ द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने में अपने प्रयास और संसाधन लगाए हैं।

उन्होंने कहा, “ऐतिहासिक रूप से अफगानिस्तान पूरब और पश्चिम के बीच एक संपर्क सूत्र रहा है और भारत, मध्य एशिया, पश्चिमी एशिया और अन्य क्षेत्रों के लिए निर्बाध यात्रा का मार्ग रहा है। व्यापार और संस्कृति की समरसता ने साझा मूल्य और आपसी समृद्धि कायम की है।”

उन्होंने कहा, “दृष्टिकोण और दर्शन के सामंजस्य ने सूफी इस्लाम के अनूठे मानवीय दृष्टिकोण का नेतृत्व किया है, जो अभी भी मेरे देश में अजमेर शरीफ, अफगानिस्तान में चिश्ती-ए-शरीफ और ईरान में मशाद जैसे सबसे श्रद्धेय सूफी धर्मस्थलों को साथ जोड़ता है।”

इस साल मई में तेहरान में भारत-ईरान-अफगानिस्तान के बीच त्रिपक्षीय करार के माध्यम से एक रोमांचक और अभिनव भविष्य आकार ले रहा है, जिसके कारण चाबाहार भरपूर आर्थिक अवसरों का केंद्र बन जाएगा।

उन्होंने जोर देकर कहा, “ये कदम अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता दर्शाते हैं। बेहतर संपर्क एक विकल्प नहीं है, बल्कि यह अनिवार्य है। जो लोग संपर्क बाधित करते हैं, उनके उद्देश्य प्रतिगामी होते हैं।”                   –आईएएनएस

(फाइल फोटो)