कबड्डी विश्व कप ने बड़ी संख्या में प्रायोजकों को आकर्षित किया

अहमदाबाद, 6 अक्टूबर | कबड्डी विश्व कप-2016 पांच प्रमुख प्रायोजकों को अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रहा है। विश्व कप का आयोजन सात अक्टूबर से गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में होगा।

विश्व कप से जुड़े एक अधिकारी ने यहां गुरुवार को बताया कि ये प्रायोजक पतंजलि स्पेशल च्वनप्राश, इंडो निसिन, थम्स अप, सिस्का एलईडी और वोलिनी हैं। पतंजलि स्पेशल च्वनप्राश सहयोगी प्रस्तुतकर्ता के तौर पर विश्वकप से जुड़ा है जबकि बाकी की कंपनियां सहायक के तौर पर जुड़ी हैं।

इस विश्व कप की खास बात यह है कि स्टार स्पोर्ट्स इसका प्रसारणकर्ता है। स्टार स्पोर्ट्स के पास कबड्डी प्रसारण का अच्छा खासा अनुभव है। कबड्डी का अंतर्राष्ट्रीय फॉरमेट का पहला विश्व कप 2004 में आयोजित किया गया था, लेकिन उस समय उसे कोई प्रसारणकर्ता नहीं मिल सका था।

स्टार स्पोर्ट्स के मुख्य प्रसारणकर्ता के तौर पर विश्व कप से जुड़ने से आयोजकों को काफी बल मिला है, क्योंकि स्टार स्पोर्ट्स के पास इस खेल के प्रसारण का काफी अनुभव है। प्रो कबड्डी लीग को देश और दुनिया में लोकप्रिय बनाने में स्टार स्पोर्ट्स का अहम योगदान है।

यह इस लीग के मुख्य प्रायोजक के तौर पर स्टार स्पोर्ट्स का ही जुड़ाव है, जिसने कबड्डी विश्व कप के लिए बड़ी संख्या में प्रायोजकों को अपनी ओर आकर्षित किया है।

जहां तक कबड्डी विश्व कप के प्रसारण का सवाल है तो स्टार स्पोर्ट्स यह काम ठीक उसी तरह करने की तैयारी कर चुका है, जिस तरह वह कबड्डी लीग का प्रसारण करता रहा है।

स्टारकाम मीडियावेस्ट ग्रुप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बासबदत्ता चौधरी ने कहा कि इस खेल की बढ़ती लोकप्रियता ने ही प्रायोजकों को आकर्षित किया है।

बासबदत्ता ने कहा, जहां तक प्रो कबड्डी की रेटिंग की बात है तो यह लगातार बढ़ रही है। यह इस खेल की लोकप्रियता का प्रतीक है। ऐसे में भारत में विश्व कप का आयोजन होना देखने वालों और ब्रांडिंग में निवेश करने वालों के लिए बड़ा मौका है।

स्टार इंडिया द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, बीते चार सीजन में लीग को देखने वालों की संख्या में 51 फीसदी का इजाफा आया है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि विश्व कप में भारत के अच्छे प्रदर्शन का असर प्रो कबड्डी लीग के व्यूअरशिप पर पड़ेगा।

भारत ने 2004 में पहली बार आयोजित विश्व कप का खिताब जीता था और फिर 2007 में भी वह विजेता रहा था। अब जबकि स्टार स्पोर्ट्स प्रो कबड्डी लीग के कारण लोग खिलाड़ियों को पहचानने लगे हैं, विश्व कप को लेकर इस साल कुछ अधिक उत्सुकता है।

पहले लोग कबड्डी खिलाड़ियों को पहचानते नहीं थे, क्योंकि वे बहुत चुनिंदा अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों में खेलते थे और फिर इन आयोजनों का स्तरीय प्रसारण भी नहीं होता था। अब समय बदल चुका है। लोग इन खिलाड़ियों को पहचानने लगे हैं और ये भी एक ब्रांड बन चुके हैं।

स्टार स्पोर्ट्स प्रो कबड्डी लीग में जयपुर पिंक पैंथर्स के कप्तान जसवीर सिंह मानते हैं कि कबड्डी ने खिलाड़ियों को धन और शोहरत दी है और इसी कारण देश में युवा कबड्डी की ओर तेजी से आकर्षित हो रहे हैं। इससे भारत को काफी फायदा होगा क्योंकि एक समय ऐसा आएगा जब उसके पास एक मजबूत बेंच स्ट्रेंथ होगा और यह उसे लंबे समय तक कबड्डी की महाशक्ति बने रहने में मदद करेगा।

कबड्डी तेजी से दूसरे देशों में लोकप्रिय हो रहा है। ईरान आज कबड्डी की शक्ति है। उसके कई खिलाड़ी प्रो कबड्डी लीग में धूम मचा रहे हैं। कुछ खिलाड़ी प्रो कबड्डी लीग में सुपरस्टार हैं। ऐसे में भारत को अगर इस खेल में महाशक्ति बने रहना है तो उसे सही समय पर सही दिशा में जाकर धन और मानव संसाधन का निवेश करना होगा।

आने वाले समय में कबड्डी ओलंपिक का हिस्सा हो सकता है। एशियाई खेलों में तो भारत वर्षो से विजेता बनता रहा है और सही दिशा में अग्रसर होने की सूरत में ओलम्पिक में वह महाशक्ति बना रहेगा, इसमें कोई दो राय नहीं।–आईएएनएस