कृषि कानून

कृषि कानून पारित किए जाने के बाद कोई भी मंडी बंद नहीं हुई

कृषि कानून संसद द्वारा पारित किए जाने के बाद कोई भी मंडी बंद नहीं हुई है। इसी तरह एमएसपी बना हुआ है। एमएसपी पर खरीद बनी हुई है।

यह बात प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए 10 फरवरी, 2021 को लोकसभा में कही।

किसानों के विरोध पर प्रधानमंत्री ने कहा, यह सदन, सरकार और हम सभी उन किसानों का सम्मान करते हैं जो कृषि विधेयकों पर अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं। यही वजह है कि सरकार के शीर्ष मंत्री उनसे लगातार बात कर रहे हैं।

मोदी ने कहा  कि हमारे मन में किसानों के लिए बहुत सम्मान है। बजट में मंडियों को मजबूत करने का प्रस्ताव दिया गया है। इन तथ्यों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।

कृषि कानून के संदर्भ में मोदी ने जोर देकर कहा कि जो लोग सदन को बाधित कर रहे हैं वे एक सुनियोजित रणनीति के अनुसार ऐसा कर रहे हैं। वे इस बात को पचा नहीं पा रहे हैं कि लोग सच्चाई देख रहे हैं। अपने खेलों से, वे लोगों का विश्वास कभी नहीं जीतसकते हैं।

उन्होंने इस दलील का जवाब दिया कि सरकार सुधार क्यों ला रही है,जिसके लिए कहा नहीं गया है।

उन्होंने कहा कि यह सब वैकल्पिक है, लेकिन हम ऐसी चीजों के लिए जवाब का इंतजार नहीं कर सकते। समय की मांग के कारण कई प्रगतिशील कानून बनाए गए। वह सोच जो लोगों को सवाल करने या निवेदन करनेके लिए मजबूर करे, वह लोकतांत्रिक नहीं हो सकती।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें जिम्मेदारी लेनी चाहिए और देश की जरूरतों के अनुसार लोगों के कल्याण के लिए काम करते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमने देश में बदलाव के लिए काम किया है और अगर इरादा सही है, तो अच्छे नतीजे मिलेंगे।

कृषि समाज और संस्कृति का हिस्सा है और हमारे त्योहार और सभी अवसर बुवाई और कटाई के साथ जुड़े हुए हैं हमारी 80 प्रतिशत से अधिक आबादी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है, छोटे किसानों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।

भूमि जोत के विखंडन से एक चिंताजनक स्थिति पैदा हो रही है, जहां किसानों को अपने खेतों से व्यवहार्य लाभ नहीं मिल रहा है, कृषि में निवेश का नुकसान हो रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा,  छोटे किसानों के लिए कदम उठाने की आवश्यकता है। इसलिए हमें अपने किसानों को आत्‍मनिर्भर बनाने के लिए काम करने की जरूरत है और उन्हें अपनी फसल बेचने और फसलों में विविधता लाने की आजादी देने की जरूरत है।

उन्होंने जोर देकर कहा कि कृषि में निवेश से अधिक रोजगार पैदा होंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा, हमें अपने किसानों को पर्याप्‍त और समान अवसर , आधुनिक तकनीक प्रदान करनी होगी और उनमें आत्मविश्वास जगाने की जरूरत है। इसके लिए सकारात्मक सोच की आवश्यकता होगी क्योंकि पुराने तरीके और पैरामीटर काम नहीं करेंगे।