क्षुद्रग्रह

चेल्याबिंस्क, जब 13 हज़ार टन का क्षुद्रग्रह धरती की ओर आया

उल्कापिंड के आकार के छिपे हुए क्षुद्रग्रह हैं जिन्हें हम नहीं जानते हैं। सूर्य की चकाचौंध में अज्ञात संख्या में जिनमें से कई उल्कापिंड जैसे क्षुद्रग्रह धरती की ओर बढ़ रहे हैं, और हम नहीं जानते हैं की वे किस गति से आरहे हैं।

यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ESA) के प्लैनेटरी डिफेंस के प्रमुख रिचर्ड मोइस्ल बताते हैं, “चेल्याबिंस्क उल्कापिंड के आकार के क्षुद्रग्रह लगभग हर 50-100 वर्षों में पृथ्वी से टकराते हैं।”

बीते सप्ताह जारी एक प्रेस रिलीज़ में एक घटना का ब्यौरा दिया गया है। वह 15 फरवरी, 2013 का दिन था। एक चेल्याबिंस्क नाम के उल्कापिंड को धरती की ओर आते हुए किसी ने नहीं देखा—वह एक सदी से भी अधिक समय में पृथ्वी से टकराने वाला सबसे बड़ा क्षुद्रग्रह था । वह तेज धूप वाला सर्दियों का दिन था। सूर्योदय के ठीक बाद, 20 मीटर और 13,000 टन के एक उल्कापिंड के आकार के क्षुद्रग्रह ने रूस में यूराल पर्वत पर 18 किमी प्रति सेकंड से अधिक की गति से वातावरण में प्रवेश किया।

क्षुद्रग्रह छोटी चट्टान के आकर का था, जो धरती से 30 किमी की ऊँचाई पर वातावरण में फट गया, जिससे लगभग आधा मेगाटन ऊर्जा (35 हिरोशिमा-आकार के बमों के बराबर) निकली। दो मिनट बाद, सदमे की लहर जमीन पर पहुंच गई, जिससे हजारों इमारतों को नुकसान पहुंचा, खिड़कियां टूट गईं, और कांच के उड़ने वाले टुकड़ों से लगभग 1500 लोग घायल हो गए।

यह एक तरह से वास्तविक एयरबर्स्ट था। “एयरबर्स्ट या इसी तरह की घटनाओं के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है अगर लोगों को आने वाले प्रभाव और इससे होने वाले नुकसानों के अनुमानित प्रभावों के बारे में सूचित किया जाए।” इससे स्थानीय अधिकारी अग्रिम चेतावनी के साथ, जनता को खिड़कियों और शीशों से दूर रहने की सलाह दे सकेंगे।

रिचर्ड कहते हैं, “ESA का आगामी NEOMIR मिशन आकाश में सूर्य के उसी क्षेत्र से आने वाले चेल्याबिंस्क जैसे क्षुद्रग्रहों का पता लगाएगा, जो खतरनाक प्रभावों की भविष्यवाणी करने और सुरक्षा की योजना बनाने की हमारी वर्तमान क्षमताओं को सक्षम बनाएगा । इसप्रकार हम पर्याप्त चेतावनी के साथ क्षुद्रग्रह के प्रभाव से आनेवाली प्राकृतिक आपदा को रोक सकते हैं।

इमेज के बारे में : मार्क बोस्लो द्वारा चेल्याबिंस्क उल्का विस्फोट का यह 3डी अनुकरण ब्रैड कार्वे द्वारा सैंडिया राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं के रेड स्काई सुपरकंप्यूटर पर सीटीएच कोड का उपयोग करके तैयार किया गया था। एंड्रिया कार्वे ने वायरफ्रेम टेल को कंपोज़ किया।