GST

जीएसटी (GST) के लिए एक जुलाई से एक नई रिटर्न प्रणाली शुरू होगी

केन्द्र सरकार आज एक जुलाई से परीक्षण के आधार पर और 1 अक्टूबर से अनिवार्य आधार पर गुड्स एंड सर्विस टैक्स (Goods and Services Tax) जीएसटी (GST) के लिए एक नई रिटर्न प्रणाली शुरू करने जारही है।

जीएसटी (GST)  ने छोटे करदाताओं के लिए सहज और सुगम रिटर्न (Sahaj and Sugam returns ) भी प्रस्तावित किया है। इसमें कहा गया है कि एकल नकद खाताधारकों के संबंध में सरकार इसे तर्कसंगत बनाने जारही है।

इस नई व्यवस्था में कर, ब्याज, जुर्माना, शुल्क आदि के लिए केवल एक नकद खाता होगा।

इसके लिए 20 मदों को अन्य 5 मदों में शामिल कर दिया गया है।

याद रहे, देश के टेक्स सिस्टम में नई कर प्रणाली जीएसटी (GST) यानि गुड्स एंड सर्विस टैक्स को आज एक जुलाई को दो साल पूरे होगए।

इसे 1 जुलाई 2017 से लागू किया गया था। संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित एक समारोह में 30 जून 2017 की आधी रात को इस नई कर व्यवस्था को लॉन्च किया गया था।

इस साल आज वित्त और कॉरपोरेट मामलों के राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर इस अवसर पर नई दिल्ली में आयोजित होने वाले समारोह की अध्यक्षता करेंगे।

वित्त मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा कि इस अवसर को चिह्नित करने के लिए एमएसएमई के लिए जीएसटी (GST) पर एक पुस्तक भी जारी की जाएगी।

जीएसटी (GST)  के कार्यान्वयन में कड़ी मेहनत करने वाले प्रतिष्ठित अधिकारियों को जीएसटी कमीशन प्रमाणपत्र से सम्मानित किया जाएगा।

जीएसटी (GST)  की शुरूआत ने भारतीय अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई क्योंकि इसने एक सरल, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी चालित कर व्यवस्था के साथ बहुस्तरीय, जटिल अप्रत्यक्ष कर संरचना को बदल दिया है।

सरकार का मानना है कि जीएसटी (GST) ने अंतरराज्यीय व्यापार और वाणिज्य की बाधाओं को तोड़कर भारत को एक एकल, सामान्य और समान बाजार में बदल दिया है।

करों की कैस्केडिंग को समाप्त करने और लेनदेन की लागत को कम करने से यह व्यापार करने में आसानी को बढ़ाएगा और मेक इन इंडिया अभियान को प्रोत्साहन प्रदान करेगा।