भूकंप

थर्मोकोल के साथ निर्मित बहुमंजिला भवन भूकंप के दौरान सुरक्षित

थर्मोकोल (Thermocol) के साथ निर्मित बहुमंजिला भवन भविष्य की भूकंप (earthquake) के दौरान सुरक्षित हो सकती  हैं।

आईआईटी रुड़की के शोधकर्ताओं ने पाया है कि जिस प्रबलित कंक्रीट सैंडविच पैनल के आंतरिक हिस्से में थर्मोकोल या विस्तारित पॉलीस्टाइरिन (ईपीएस) का उपयोग मिश्रित सामग्री के रूप में किया जाता है, वह चार मंजिला भवनों तक भूकंप बलों का प्रतिरोध कर सकता है।

शोधकर्ताओं ने आईआईटी रूड़की स्थित भूकंप इंजीनियरिंग विभाग के नेशनल सिसमिक टेस्ट फैसिलिटी (एनएसटीएफ) में एक पूर्ण पैमाने की इमारत और कंक्रीट की दो परतों के बीच थर्मोकोल सैंडविच पैनल के साथ निर्मित  दीवारों का परीक्षण किया।

इस अनुसंधान का पर्यवेक्षण करने वाले प्रो. योगेंद्र सिंह ने बताया कि विश्लेषण से पता चलता है कि इस तकनीक से निर्मित चार मंजिला भवन देश के सर्वाधिक भूकंपीय क्षेत्र (V) में भी बिना किसी अतिरिक्त संरचनात्मक सहायता के भूकंपीय बलों का प्रतिरोध करने में सक्षम है।

उन्होंने इस भूकंप प्रतिरोध क्षमता को इस तथ्य के लिए जिम्मेदार माना कि ईपीएस परत कंक्रीट की दो परतों के बीच सैंडविच पैनल होती है, जिसमें बंधित तार जाल के रूप में इसका सुदृढ़ीकरण होता है।

शोधकर्ताओं ने कहा कि भूकंप के दौरान एक भवन पर लगने वाला बल जड़त्व प्रभाव की वजह से उत्पन्न होता है और इसलिए यह भवन के द्रव्यमान पर निर्भर करता है।

थर्मोकोल भवन के द्रव्यमान को कम करके भूकंप का प्रतिरोध करता है। इस तकनीक में, एक कारखाने में ईपीएस आंतरिक हिस्सा (कोर) और तार जाल सुदृढ़ीकरण पैनल का उत्पादन किया जाता है।

भवन के ढांचे का निर्माण पहले कारखाने में बने आंतरिक हिस्से और सुदृढ़ीकरण पैनलों पर किया जाता है और फिर ढांचे के भीतरी हिस्से पर कंक्रीट का छिड़काव किया जाता है।

इस तकनीक में किसी शटरिंग की आवश्यकता नहीं होती है, इसलिए इसका निर्माण काफी तेजी से किया जा सकता है।

भूकंप का प्रतिरोध करने के अलावा, एक इमारत की कंक्रीट दीवारों में विस्तारित पॉलीस्टाइरिन कोर (आंतरिक हिस्से) के उपयोग का परिणाम ताप आरामदायक के रूप में दिख सकता है।

इस तकनीक में भवनों के कार्बन फुटप्रिंट में समग्र कमी के साथ निर्माण सामग्री और ऊर्जा की बचत करने की क्षमता भी है। यह दीवारों और फर्श/छत से कंक्रीट आयतन के एक बड़े हिस्से को बदल देता है।