: Naqsh Lyallpuri and Music composer Bappi Lahiri

नक्श लायलपुरी का आखिरी गीत बप्पी ने रिकॉर्ड किया था

मुंबई, 27 जनवरी| गायक व संगीतकार बप्पी लाहिड़ी ने बताया कि उन्होंने जानेमाने शायर और गीतकार नक्श लायलपुरी का लिखा गीत हाल ही में रिकॉर्ड किया था, जो उनका अंतिम गीत था।

कवि जसवंत राय शर्मा को दुनिया नक्श लायलपुरी के नाम से जानती है। इसी महीने 22 जनवरी को 89 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया। अभिनेता और असरदार आवाज के स्वामी ओम पुरी के चले जाने के बाद बॉलीवुड और कला-संसार के लिए इस महीने यह दूसरा धक्का था।

बप्पी दा लॉस एंजेलिस में लायलपुरी के निधन की खबर सुनकर चौंक गए। उन्होंने फोन पर बताया, “हाल ही में हम साथ थे। मैंने एक फिल्म के लिए उनका लिखा एक गीत रिकॉर्ड किया था। संगीत निर्देशन उनके बेटे राजन लायलपुरी ने किया। हमें क्या पता था कि यह उनका आखिरी गीत था?”

उन्होंने कहा, “मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि मुझे नक्श साहब का लिखा आखिरी गीत गाने का मौका मिला। वह बीमार रहा करते थे, फिर भी रचनात्मकता चरम पर थी।”

बप्पी लाहिड़ी और नक्श लायलपुरी का लंबा साथ रहा है।

उन्होंने याद किया, “नक्श साहब ने मेरे निर्देशन में बने कुछ यादगार गीत लिखे हैं। ज्यादा लोग यह नहीं जानते कि मोहम्मद रफी ने जो आखिरी गीत ‘फूल क्या शवाब क्या हुस्न-ए-महताब क्या’ गाया था, वह मैंने कंपोज किया था। यह फिल्म ‘फर्ज की जंग’ का एक गीत है, जो गोविंदा और नीलम पर फिल्माया गया था और इसके खूबसूरत रोमांटिक बोल नक्श लायलपुरी साहब ने लिखे थे।”

बप्पी दा ने बताया, “फिल्म ‘प्यास’ का मेरा पसंदीदा गीत ‘दर्द की रागिनी मुस्कुराई’ नक्श साहब का लिखा है। इसे लता मंगेशकर ने गाया है। मुझे इस गीत पर गर्व है, क्योंकि इसके जरिए मुझे हिंदुस्तानी शास्त्रीय पक्ष को दिखाने का मौका मिला।”

उन्होंने कहा, “इसके बाद मैंने ओ.पी. रल्हन की ‘पापी’ के लिए नक्श साहब के लिखे गीत पर काम किया। इसमें लताजी का गाया ‘बोल सजना’ भी शामिल है।”

बप्पी ने उन्हें सज्जन व्यक्ति और कवि के रूप में याद करते हुए कहा, “वह एक अद्भुत इंसान और महान कवि थे। हमने लगभग 15 गानों में साथ काम किया। विश्वास नहीं होता, नक्श साहब अब नहीं मिलेंगे।”     –आईएएनएस