Kejariwal

प्रति मिलियन आबादी पर दिल्ली में हो रहे हैं दुनिया में सबसे अधिक कोरोना के टेस्ट

नई दिल्ली, 14 सितंबर। दुनिया में प्रति मिलियन आबादी पर सबसे अधिक 3057  कोरोना के टेस्ट दिल्ली में हो रहे हैं।प्रति मिलियन आबादी पर ब्रिटेन में लगभग 3000, संयुक्त राज्य अमेरिका में 1388, रूस में 2311 और पेरू में 858 कोरोना टेस्ट हो रहे जबकि भारत में प्रति मिलियन औसत 819 टेस्ट हो रहा है

दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान कोरोना पर चर्चा के दौरान बोलते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि फरवरी और मार्च में देश में कोरोना शुरू हुआ था, किसी राज्य में एक केस था किसी राज्य में दो केस था।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में कोरोना को नियंत्रित करने की वजह सिर्फ एकमात्र है टीम वर्क। हमने जल्द ही महसूस कर लिया कि इतनी बड़ी महामारी है कि यह अकेले की वश की बात नहीं है।
दिल्ली के दो करोड़ लोगों ने मिल कर जिस तरह से पूरी महामारी के दौरान मदद की है। समाज सेवी संस्थाएं, डाॅक्टरों की संस्थाएं, सभी ने मदद की है। स्टेप वन करके एक एनजीओ है, उन्होंने हम लोगों से पैसे नहीं लिए। अक्षरधाम, राधा स्वामी सत्संग, जैन धर्मशाला समेत सभी लोगों ने मदद की, तब जाकर यह नतीजा आया।
सीएम केजरीवाल ने कहा कि आज दिल्ली मॉडल चर्चा पूरे देश और पूरी दुनिया में हो रही है। यह केजरीवाल की वजह से नहीं है। यह दिल्ली माॅडल हमारी वजह से नहीं है। यह दिल्ली के दो करोड़ लोगों की मेहनत का नतीजा है।
आज 10 लाख लोगों पर 3 हजार टेस्ट प्रतिदिन हो रहे हैं। जांच के मामले में सबसे आगे दिल्ली है। इसके बाद देश में दूसरा आंध्र प्रदेश है, जहां पर 1362, इसके बाद दूसरा गुजरात है, जहां 1000 टेस्ट हो रहे। दिल्ली से एक तिहाई है। फिर कर्नाटका 983, हरियाणा 990, महाराष्ट्र 802 और उत्तर प्रदेश 670 और पूरे देश का औसत 819 है।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं यह नहीं कहता कि दिल्ली में कोरोना के सारे प्रबंधन 100 प्रतिशत सही हो रहे हैं। हमारी तमाम गलतियां हो सकती हैं। उन गलतियों को हम सबको मिल कर ठीक करना है। आपको भी लोगों ने चुन करके भेजा है। अगर दिल्ली के अंदर कोई हमारी कमी नजर आए, तो आप हमें फोन कर दीजिए, हम उसको ठीक करेंगे।
सीएम केजरीवाल ने कहा कि यह टेस्ट अधिक करना क्यों जरूरी है? यह टेस्ट अधिक टेस्ट करना इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि सिरो सर्वे में सामने आया कि 60 लाख लोग कोरोना से संक्रमित होकर ठीक हो चुके हैं। इसका मतलब जितना भी टेस्ट कर लें, कम ही पड़ेंगे।