वायुसेना

वायुसेना में रख-रखाव और परिचालन में सुधार की आवश्यकता

वायुसेना में इस जटिल समय में रख-रखाव और परिचालन में सुधार करने की आवश्यकता है, जिसके लिये स्वदेशी परियोजनाओं पर बल दिया जाना चाहिये।

यह बात एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया (Air Chief Marshal RKS Bhadauria ) पीवीएसएम एवीएसएम वीएम एडीसी और वायुसेनाध्यक्ष (सीएएस) ने 11 और 12 अगस्त, 2021 को नागपुर के वायुसेना नगर में मेंटेनेन्स कमान (एमसी) के कमांडरों के सम्मेलन में शिरकत करते हुए कही।

एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया  वहां पहुंचने पर एयर मार्शल शशिशेखर चौधरी एवीएसएम वीएसएम एडीसी, एओसी-इन-सी एमसी ने अगवानी की।

दो दिवसीय कार्यक्रम में एमसी के तहत आने वाले बेस रिपेयर डिपो, उपकरण डिपो और अन्य स्टेशनों/इकाइयों के कमांडरों ने हिस्सा लिया। इस दौरान चालू परियोजनाओं का जायजा लिया गया तथा आगामी वर्ष में एमसी की गतिविधियों और लक्ष्यों पर गौर किया गया।

कमांडरों को सम्बोधित करते हुये वायुसेनाध्यक्ष ने कहा कि भारतीय वायुसेना की विभिन्न और अहम जरूरतों को पूरा करने तथा उनका सही बंदोबस्त करने में एमसी प्रमुख भूमिका निभाता है।

वायुसेना की आधुनिक और भावी तैयारियों से जुड़ी जरूरतों को पूरा करने के लिये कमान ने जो कदम उठाये हैं, वायुसेनाध्यक्ष ने उन कदमों की सराहना की।

हाल की घटनाओं का जिक्र करते हुये वायुसेनाध्यक्ष ने नई-नई सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिये सजगता और सतर्कता के महत्त्व को रेखांकित किया। उन्होंने आधुनिक प्रौद्योगिकी को अपनाने की जरूरत बताई, जैसे कृत्रिम बौद्धिकता, बदलावों का अपने-आप वजूद में आने की प्रक्रिया और भारतीय वायुसेना को चुस्त-दुरुस्त बनाना, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि भारतीय वायुसेना हर वक्त चुनौतियों से निपटने के लिये तैयार है।

वायुसेनाध्यक्ष ने कमांडरों की प्रशंसा की। उन्होंने अपने प्रयासों में स्वदेशीकरण और आधुनिकता के “मंत्र” को आत्मसात कर लिया है, ताकि एमसी भविष्य में एकीकृत कार्रवाइयों के लिये रख-रखाव और साजो-सामान की व्यवस्था करने वाले साधन-सम्पन्न संस्थान के रूप में काम करता रहे।