सैमसंग भारत

सैमसंग के सहयोग से रुकेगी कोरोना वैक्सीन की बर्बादी

सैमसंग भारतकृतार्थ सरदाना===  सैमसंग भारत के लिए 10 लाख अत्याधुनिक लो डेड स्पेस (एलडीएस) सिरिंज का आयात कर रही है। दक्षिण कोरियाई कंपनी सैमसंग  की यह पहल प्रशंसनीय है।

सैमसंग भारत में कोविड टीकाकरण अभियान की मदद के लिए आगे आई है। इन सिरिंज की विशेषता यह है कि एक इंजेक्शन के बाद सिरिंज में छूट गई दवा की मात्रा को कम करता है। इससे टीके की बर्बादी कम होती है। कंपनी का दावा है कि एलडीएस सिरिंज में ऐसी तकनीक का प्रयोग किया गया है जिससे 20% तक अधिक लोगों का टीकाकरण किया जा सकता है। इसका मतलब है कि अगर मौजूदा सिरिंज से 10 लाख खुराक दी जाती हैं, तो एलडीएस सिरिंज टीके की उतनी ही मात्रा से 12 लाख खुराक दी जा सकती हैं। सैमसंग ने उत्पादन क्षमता बढ़ाने में इन सिरिंज के निर्माताओं की मदद भी की है।

सैमसंग  द्वारा एलडीएस सिरिंज को दक्षिण कोरिया से आयात किया गया है। ये सिरिंज अभी उत्तर प्रदेश को उपलब्ध कराई गई हैं। इसके तहत लखनऊ और नोएडा में प्रत्येक जिला प्रशासन को 3 लाख 25 हज़ार सिरिंज प्रदान की गई हैं।

सैमसंग  3 लाख 50 हज़ार एलडीएस सिरिंज जल्द ही तमिलनाडु में ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन को सौंपी जाएंगी। ये सिरिंज इन जिलों के कोविड टीकाकरण केंद्रों पर उपलब्ध होंगी।

टीके के अधिकतम उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए यह आधुनिक सिरिंज अमेरिका सहित दुनिया के कुछ ही बाजारों में पेश की गई है।

सैमसंग इंडिया  के वाइस प्रेसिडेंट एवं सीएसआर हेड पार्था घोष ने कहा  “सैमसंग इस मुश्किल घड़ी में भारत के साथ मजबूती से खड़ा है।”

“सैमसंग ने मौजूदा समय की जरूरत को देखते हुए ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर्स और ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ सरकारों की मदद करने और इन उपकरणों की अधिक खरीद के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया है।”

घोष ने कहा “सैमसंग की यह पहल टीके की बर्बादी को कम करने में मदद करेगी और वैक्सीन की समान मात्रा के साथ अधिक लोगों को टीका लगाने में मदद करेगी।”

सैमसंग ने कोविड-19 के खिलाफ जंग में अपना योगदान देते हुए भारत को 50 लाख अमेरिकी डॉलर (37 करोड़ रुपये) की मदद देने का वादा किया है। इसके तहत केंद्र और राज्य सरकारों को दान देने के साथ ही अस्पतालों के लिए आवश्यक मशीनें उपलब्ध कराई जाएंगी।

सैमसंग के इस योगदान में 20 लाख अमरीकी डॉलर मूल्य का इलाज से जुड़ा सामान भी शामिल है। इस मदद में भारत को 100 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर, 3,000 ऑक्सीजन सिलेंडर और 10 लाख एलडीएस सिरिंज प्रदान किए गए हैं।