छत्तीसगढ़ : गांवों में बिजली के साथ पहुंच रहा खुशियों का उजियारा

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बिजली के मामले में आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़ के दूर दराज के गांवों में बिजली पहुंचने से इन गांवों में अब खुशियों का उजियारा बिखरने लगा है। अब अबूझमाड़ क्षेत्र के बिजलीविहीन गांवों में भी बिजली पहुंचाने की तैयारी है। इस वर्ष मई माह में जशपुर जिले के मनोरा विकासखण्ड के पहाड़ी से घिरे गांव अलोरी में आजादी के 69 वर्ष बाद बिजली पहुंची।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह दो मई को लोक सुराज अभियान के अंतर्गत अलोरी पहुंचे थे, जहां गांव की चौपाल में इस गांव के लोगों ने उनसे बिजली की मांग की थी। मुख्यमंत्री ने एक माह में इस गांव में बिजली की पहुंचाने का आश्वासन दिया था, लेकिन मुख्यमंत्री की घोषणा के 48 घंटों में ही इस गांव में बिजली पहुंचा दी गयी। इस गांव के साथ, जशपुर जिले के झारगांव, डूमरटोली और खरवाटोली में भी बिजली पहुंची। बिजली के आने से गांव की गलियों और घरों में रात में रोशनी होने लगी। बिजली से इन गांवों में खेतों की सिंचाई, शुद्धपेय जल की व्यवस्था में आसानी होगी। बच्चे रात में पढ़ाई कर सकेंगे, महिलाओं को घरेलु काम निपटाने के लिए अतिरिक्त समय मिल सकेगा और लोग मनोरंजन के लिए टेलीविजन देख सकेंगे। सुदूर वनांचलों के बलरामपुर-रामानुगंज जिले के जोकपाठ, लहसुनपाठ, बाड़ीचलगली और सीतापुर जैसे प्रदेश के विभिन्न जिलों के अनेक गांवों में सौर ऊर्जा से बिजली पहुंचायी गयी है।

छत्तीसगढ़ शासन द्वारा वर्ष 2018 तक प्रदेश के शत-प्रतिशत गांवों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य लेकर कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में प्रदेश में बिजली उत्पादन में हुई उल्लेखनीय वृद्धि और विद्युत अधोसंरचना को मजबूत बनाने के लगातार किए जा रहे कार्यों से यह लक्ष्य आसानी से पूरा हो सकेगा। प्रदेश में विद्युतीकृत गांवों, विद्युतीकृत सिंचाई पम्पों की संख्या और तीस यूनिट बिजली निःशुल्क प्राप्त करने वाले गरीब परिवारों की संख्या तथा विद्युत संबंधी अधोसंरचना में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। राज्य के गठन के समय प्रदेश में विद्युतीकृत गांवों की संख्या 17,108 थी, जो अब बढ़कर 18,968 हो गयी है। प्रदेश में गांवों के विद्युतीकरण का प्रतिशत बढ़कर 96.93 हो गया है। राज्य गठन के समय यह प्रतिशत 87.43 था। विद्युतीकृत मजरे-टोलों की संख्या भी दस हजार 375 से बढ़कर 26 हजार 980 हो गयी है। प्रदेश के ऐसे गांव और मजरे-टोले जहां परम्परागत रुप से बिजली की लाइन डाल कर बिजली पहुंचाना संभव नहीं है, ऐसे 1525 गांवों और मजरे-टोलों में सौर ऊर्जा के जरिए बिजली पहुंचाई गयी है।

वर्तमान में प्रदेश के 27 जिलों में से 14 जिलों में शतप्रतिशत गांवों के विद्युतीकरण का काम पूरा हो गया है। पिछले आठ वर्षो से बिजली कटौती से मुक्त छत्तीसगढ़ में सस्ती दर पर बिजली की आपूर्ति की जा रही है। विकसित राज्यों के आंकलन में प्रति व्यक्ति बिजली की औसत खपत भी एक महत्वपूर्ण पैमाना है। प्रदेश में प्रति व्यक्ति ऊर्जा की खपत तीन सौ यूनिट प्रति व्यक्ति से बढ़कर 1724 यूनिट प्रति व्यक्ति हो गयी है। इस मामले में भी छत्तीसगढ़ देश का अग्रणी राज्य है।