Shankaracharya

ओंकारेश्वर में आदिगुरु शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास बनेगा

Shankaracharya

A replica of Adiguru Shankaracharya metal statue in Omkareshwar

अद्ववैत दर्शन के प्रसार के लिये ओंकारेश्वर में आदि शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास स्थापित किया जायेगा। आतंकवाद और नक्सलवाद जैसी दुनिया की सारी समस्याओं का हल आदि शंकराचार्य के एकात्मवाद में है। विश्व शांति का मार्ग युद्ध में नहीं है बल्कि आदि शंकर के अद्ववैत दर्शन में है। न्यास के माध्यम से नैतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पुन-र्जागरण का कार्य किया जायेगा।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आदि शंकराचार्य की दीक्षा-स्थली ओंकारेश्वर में एकात्म यात्रा की पूर्णता पर आयोजित एकात्म पर्व के अवसर पर कही।

यह एकात्म यात्रा सामाजिक समरसता और एकात्मता का संदेश देने के लिये आदि शंकराचार्य से जुड़े चार धार्मिक स्थानों से 19 दिसम्बर को प्रारंभ हुई थी। इन स्थानों में अमरकंटक, उज्जैन, रीवा का पचमठा एवं ओंकारेश्वर शामिल हैं। यात्रा के दौरान जगह-जगह जनसंवाद किये गये। यात्रा को भारी जन-समर्थन मिला।

यात्रा की पूर्णता पर ओंकारेश्वर में अद्वैत वेदान्त दर्शन के विश्व स्तर पर प्रसार के लिये आचार्य शंकर संग्रहालय और अंतर्राष्ट्रीय वेदान्त संस्थान तथा ओंकार पर्वत पर आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊँची विशाल धातु प्रतिमा स्थापना के लिये भूमि-पूजन किया गया। इस मौके पर एकात्मता का संकल्प भी लिया गया।

कार्यक्रम स्थल पर मुख्य मंच के आसपास चारों मठों और चार वेदों ऋग्वेद, सामवेद, अथर्ववेद एवं यजुर्वेद के दर्शन पर आधारित मंचों का निर्माण किया गया था, जो भारतीय संस्कृति का संदेश दे रहे थे। मंच पर आदि गुरू शंकराचार्य की प्रतिमा की प्रतिकृति का अनावरण भी किया गया।

प्रदेश की जीवन-रेखा नर्मदा नदी के पावन तट पर आयोजित प्राणी मात्र में एकात्मता और सांस्कृतिक एकता का संदेश देते इस कार्यक्रम में मणिपुर और उड़ीसा के कलाकारों द्वारा शंखघोष, पश्चिम बंगाल के कलाकारों द्वारा पुरूलिया छाऊ नृत्य तथा असम के बिहू नृत्य खूबसूरती के साथ प्रस्तुत किये गये। भोपाल के ध्रुवा बैंड द्वारा सांस्कृतिक चेतना और भावनात्मक एकता की मनमोहक प्रस्तुति दी गई। इस दौरान देशभर से आये कलाकारों ने गीत-संगीत एवं नृत्य के माध्यम से सांस्कृतिक एकता के संदेश को रेखांकित किया।

इस अवसर पर चिन्मय मिशन के प्रमुख पूज्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने मुख्यमंत्री द्वारा घोषित न्यास की स्थापना के लिये मिशन की ओर से 25 लाख रुपये की राशि देने की घोषणा की।

महामण्डलेश्वर पूज्य स्वामी परमानंद गिरि, पूज्य स्वामी परमात्मानंद सरस्वती, पूज्य स्वामी संवित सोमगिरि और पूज्‍य स्वामी अखिलेश्‍वरानंद, रामकृष्ण मिशन के स्वामी सुप्रतिप्तानंद, चिन्मय मिशन के स्वामी प्रबोधानंद, प्रजापति ब्रह्माकुमारी की अवधेश दीदी, कबीर पंथ के प्रहलाद टिपानिया, आर्ट ऑफ लिविंग के भव्यतेज, प्रसिद्ध चित्रकार वासुदेव कामथ, प्रसिद्ध मूर्तिकार  चरणजीत यादव, विष्णु फाउंडेशन चेन्नई के स्वामी हरिप्रसाद, माता अमृतानंदन, स्वामी प्रजनानामृतानंद, श्रंगेरी पीठ से श्री गौरीशंकर, स्वरूपानंद आश्रम केरल के स्वामी शेवर गिरि, धर्माचार्य डॉ डेविड फाईले दिल्ली विभिन्न धर्मों के धर्मगुरू, संत-महात्मा, मनीषी तथा  विभिन्न स्वैच्छिक संगठनों के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में आम जनता मौजूद थी।