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बलूचिस्तान में हिंदू व्यापारियों को हिंसा द्वारा बेदखल करने का षड़यंत्र

नई दिल्ली, 11 मई (जनसमा)। बलूचिस्तान में इन दिनों कट्टरपंथियों, धर्मगुरूओं और पाकिस्तान मुस्लिम लीग के सदस्यों द्वारा हिंदू व्यापारियों पर अत्याचार बढ़ गए हैं।

एशियन ह्यूमन राइट्स एसोसिएशन के अनुसार, बलूचिस्तान के लास्बेला जिले के हब में पाकिस्तान मुस्लिम लीग के कार्यकत्र्ताओं ने एक आंदोलन शुरू किया है जिसका उद्देश्य है कि वहां रह रहे हिंदू व्यापारियों को बेदखल कर दिया जाए।

इस इलाके के 40 प्रतिशत क्षेत्र के व्यवसाय पर हिंदू व्यापारियों का दबदबा है। हाल ही में एक हिंदू व्यापारी प्रकाश कुमार को ईश निंदा के आरोप में गिरफ्तार किया गया। जब पुलिस उसे पकड़कर पुलिस स्टेशन ले गई तो भीड़ ने हिंसा का रूप धारण कर लिया। भीड़ की मांग थी कि व्यापारी को उनके हवाले कर दिया जाए लेकिन पुलिस ने ऐसा करने से मना कर दिया।

फाइल फोटो  बलूचिस्तान में अत्याचार के विरोध में हिन्दू सेना का दिल्ली में प्रदर्शन

कट्टरपंथियों और मुस्लिम लीग के सदस्यों ने पुलिस पर हिंसा शुरू कर दी। परिणामस्वरूप 10 साल के एक लड़के की मौत हो गई और तीन पुलिस अधिकारी घायल हो गए।

अधिकृत जानकारी के अनुसार, हाल के दिनों में यह तीसरा मौका है जब व्यापारियों पर हमला किया गया है। इससे पहले केपी प्रांत के विश्वविद्यालय में पत्रकारिता के एक छात्र मशल खान को बेरहमी से मार डाला गया था और चित्राल में भी मानसिक रूप से विकलांग व्यक्तियों की यही हालत की गई।

मानवाधिकार कार्यकत्ताओं का कहना है कि न्यायपालिका और पुलिस न तो कानून-व्यवस्था कायम करने में कामयाब हो रही है और न ही कट्टरपंथियों को नियंत्रित कर पा रही है।

अब तक की जांच से यह तथ्य सामने आए हैं कि फरवरी 2015 के बाद से जिन लोगों को ईश निंदा के आरोप में गिरफ्तार किया गया है उनकी संख्या 262 है। इनमें से जांच के बाद 50 मामले झूठे पाए गए और बाकी मामलों में ईष्र्या के कारण कई लोग शिकायत करने वालों की वजह से पीड़ा भुगत रह हैं।

पाकिस्तान में कड़े निंदा कानून के कारण 1986 से लेकर 2010 तक 1274 लोगों पर आरोप लगाए गए। इतना ही नहीं 1990 के बाद निंदा करने के आरोप में 65 लोगों की हत्या कर दी गई और अपराधियों को कोई सजा नहीं दी गई। हालत यहां तक है कि अपराधियों को अगर हिरासत में लिया भी जाता है तो कट्टरपंथी उनकी रिहाई की मांग करते हैं। कईयों का कहना है कि मुसलमान के रूप में उन्होंने अपने धार्मिक कत्र्तव्य का पालन किया है और एक नास्तिक को मार डाला