It is mandatory for traders to provide information about rice and paddy stock

व्यापारियों के लिए चावल, धान के स्टॉक की जानकारी देना अनिवार्य

आम उपभोक्ताओं के लिए ‘भारत चावल’ की खुदरा बिक्री शुरू करने का निर्णय लिया गया है। आम उपभोक्ताओं के लिए भारत चावल की बिक्री का खुदरा मूल्य 29 रु. प्रति किग्रा होगा जिसे 5 किलो और 10 किलोग्राम के बैग में बेचा जाएगा।

नई दिल्ली, 02 फरवरी। खाद्य मुद्रास्फीति को प्रबंधित करने और अनुचित अटकलों को रोकने के लिए, सरकार ने व्यापारियों के लिए चावल, धान के स्टॉक की जानकारी देना अनिवार्य कर दिया है।

केंद्र सरकार ने निर्णय लिया है कि सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में व्यापारी थोक, खुदरा विक्रेता, बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेता और प्रोसेस, मिलर्स चावल,धान की स्टॉक स्थिति अगले आदेश तक घोषित करें।

संस्थाओं से अपेक्षा की जाती है कि वे इसे हर शुक्रवार को खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के पोर्टल (https://evegoils.nic.in/rice/login.html) पर अपडेट करें। आदेश जारी होने के 7 दिनों के भीतर इन संस्थाओं द्वारा चावल की स्टॉक स्थिति घोषित करना ज़रूरी है।

संबंधित कानूनी संस्थाओं यानी व्यापारियों,थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेताओं, प्रोसेसरों, मिलर्स को (i) टूटे चावल, (ii) गैर-बासमती सफेद चावल, (iii) उबला चावल, (iv) बासमती चावल, (v) धान जैसी श्रेणियों में धान और चावल की स्टॉक स्थिति घोषित करनी होगी।

‘भारत चावल’ की खुदरा बिक्री
इसके अलावा, खाद्य अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति के रुझान को रोकने के लिए, आम उपभोक्ताओं के लिए ‘भारत चावल’ की खुदरा बिक्री शुरू करने का निर्णय लिया गया है।

पहले चरण में, 3 एजेंसियों नैफेड, एनसीसीएफ और केंद्रीय भंडार के माध्यम से ‘भारत चावल’ ब्रांड के अंतर्गत खुदरा बिक्री के लिए 5 लाख मीट्रिक टन चावल आवंटित किया गया है।

आम उपभोक्ताओं के लिए भारत चावल की बिक्री का खुदरा मूल्य 29 रु. प्रति किग्रा. होगा जिसे 5 किलोग्राम और 10 किलोग्राम के बैग में बेचा जाएगा। भारत चावल शुरुआत में खरीद के लिए मोबाइल वैनों और तीन केन्‍द्रीय सहकारी एजेंसियों की दुकानों से खरीदने के लिए उपलब्ध होगा, और यह बहुत जल्द ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म सहित अन्य खुदरा श्रृंखलाओं के माध्यम से भी उपलब्ध होगा।

इस ख़रीफ़ में अच्छी फसल, एफसीआई के पास और पाइपलाइन में चावल का पर्याप्त स्टॉक तथा निर्यात पर विभिन्न नियमों के बावजूद चावल की घरेलू कीमतें बढ़ रही हैं। पिछले वर्ष खुदरा कीमतों में 14.51 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

चावल की कीमतों पर अंकुश लगाने के प्रयास में सरकार की ओर से पहले ही कई कदम उठाए जा चुके हैं।

एफसीआई के पास अच्छी गुणवत्ता वाले चावल का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है जिसे व्यापारियों, थोक विक्रेताओं को ओएमएसएस के तहत 29 रुपये प्रति किग्रा. के आरक्षित मूल्य पर दिया जा रहा है।

खुले बाजार में चावल की बिक्री बढ़ाने के लिए, सरकार ने चावल का आरक्षित मूल्य 3100 रुपये क्विंटल से कम करके 2900 रुपये क्विंटल कर दिया और चावल की न्यूनतम और अधिकतम मात्रा को क्रमशः 1 मीट्रिक टन और 2000 मीट्रिक टन तक संशोधित किया गया।

इसके अलावा, व्यापक पहुंच के लिए एफसीआई क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा नियमित प्रचार किया गया है। परिणामस्वरूप, चावल की बिक्री धीरे-धीरे बढ़ गई है। 31जनवरी 2024 तक, 1.66 एलएमटी चावल खुले बाजार में बेचा जा चुका है, जो ओएमएसएस (डी) के तहत किसी भी वर्ष में चावल की सबसे अधिक बिक्री है।