Economy, today we stand at fifth position in the world

अर्थव्यवस्था, दुनिया में आज हम पांचवें नंबर पर खड़े हैं

गांधीनगर, 13 जनवरी। नरेंद्र मोदी जी ने जब प्रधानमंत्री पद संभाला था तब हमारी अर्थव्यवस्था दुनिया में ग्यारवें नंबर पर थी, आज हम सम्मान के साथ पांचवें नंबर पर खड़े हैं।

यह भरोसा जताया केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने। वह शुक्रवार को गुजरात के गांधीनगर में वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे ।

उन्होंने विश्वास जताया कि नरेंद्र मोदी जी जब तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे तो हम पांच साल के अंदर दुनिया की तीसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बन कर दुनिया के सामने गौरव के साथ खड़े होंगे।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की तीसरी टर्म में ही हम देखेंगे कि भारत 15 साल के कालखंड में दुनिया की तीसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बन गया।

गृह मंत्री ने कहा कि बीते 20 साल में वाइब्रेंट गुजरात समिट ने आइडियाज को रिफॉर्म, इनोवेशन को प्लेटफॉर्म और इनवेस्टमेंट को धरती पर उतारने का काम किया है, जिससे न केवल गुजरात बल्कि पूरे देश के अर्थतंत्र और इकनॉमी को फायदा हुआ है।

उन्होंने कहा कि वाइब्रेंट गुजरात के मॉडल को देश के कई राज्यों ने अपने यहां अपनाया, आगे बढ़ाया और कई राज्य औद्योगिक विकास के लिए इसी मॉडल पर आगे बढ़े हैं।

अमित शाह ने कहा कि इस समिट में चार हेड ऑफ़ स्टेट, 30 से अधिक देशों के मिनिस्टीरियल डेलिगेशन और 100 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधिमंडल ने हिस्सा लिया। लगभग 16 राज्यों के लोग यहां पर आए और निवेश के लिए अपनी मंशा जाहिर की।

उन्होंने कहा कि 2007 में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने इस समिट की शुरुआत की थी और आज गिफ्ट सिटी की कल्पना धरती पर उतर कर वास्तविकता बन चुकी है।

शाह ने कहा कि पिछले 9 साल में मोदी जी के नेतृत्व में राजनीतिक स्थिरता, भ्रष्टाचार मुक्त शासन, जन कल्याण की नीतियां, इन्वेस्टमेंट फ्रेंडली एजेंडा और शांतिपूर्ण माहौल देश में दिया है, जिसके कारण देश की इकोनॉमी को गति मिली है।

उन्होंने कहा कि 25 से ज्यादा नीतियां हमारे अर्थतंत्र को गति देने के लिए बनाई गई हैं।

शाह ने कहा कि एक जमाने में कहा जाता था कि वर्ष 2004 से 2014 के बीच रही सरकार को पॉलिसी पैरालिसिस हो गया है, इसकी जगह प्रधानमंत्री ने 10 साल के कालखंड में अलग-अलग प्रकार की 25 पॉलिसी बनाकर देश को आर्थिक विकास के रास्ते पर ले जाने का काम किया है।