देश में आपातकाल लगाने वालों पर से दाग मिटने वाला नहीं

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1975 के एक समाचार पत्र की कतरन

प्रधानमंत्री नरेंद्र  मोदी ने आपातकाल (Emergency) की कड़े शब्दों में निन्दा करते हुए कहा कि जो जो भी लोग इसमें शामिल थे, उन पर से यह दाग मिटने वाला नहीं है।

लोकसभा में  मोदी ने  कहा कि 25 जून, 1975 की रात को भारत की आत्मा उखड़ गई थी, पूरा देश जेल में बदल गया था।

इससे पहले प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में कहा था  “भारत उन सभी महानुभावों को सलाम करता है जिन्होंने आपातकाल (Emergency)  का जमकर विरोध किया।”

उन्होंने ट्वीट में यह भी कहा “भारत का लोकतांत्रिक लोकाचार एक अधिनायकवादी मानसिकता पर सफलतापूर्वक हावी रहा।”

लोकसभा में 25 जून,2019 को मोदी ने आपातकाल (Emergency)  को याद करते हुए कहा कि न्यायपालिका का जजमेंट था। न्यायपालिका का अनादर कैसे होता है उसका जीता जागता उदाहरण है।

emergencyमोदी ने कहा ‘आज 25 जून को हम लोकतंत्र के प्रति समर्पण, अपना संकल्प उसको और ताकत के साथ हमें समर्पित करना है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान की बातें बताना और संविधान को कुचलने की बात करना इन चीजों को कोई भूल नहीं सकता। उस समय जो जो भी इस पाप के भागीदार थे,  उन पर से यह दाग कभी मिटने वाला नहीं है।

इस बात को बार-बार स्मरण करने की भी जरूरत है ताकि देश में फिर कोई  इस पाप के रास्ते पर न जाये। इसलिए इसे याद करना जरूरी है,  किसी को भला बुरा कहने के लिए नहीं है।

याद रहे कि 25 जून, 1975 को इन्दिरा गांधी ने देश में आपातकाल (Emergency)  लगा दिया था और नागरिकों के मौलिक अधिकार समाप्त कर दिये थे और सरकार के खिलाफ सच कहने की आज़ादी छीन ली थी।

उस दिन देश भर में सभी विपक्षी नेताओं और सरकार की आलोचना करने वालों को जेलों में ठूंस दिया गया था। अखबारों पर सेंसरशिप लगादी गई थी।