रेरा कानून में संशोधन के बारे में विचार कर रही है सरकार

“केन्द्र सरकार  रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (RERA)  कानून में संशोधन करने के बारे में सोच रही है, क्योंकि कई लोग इस संबंध में हमसे संपर्क करते हैं। ”

यह जानकारी 12 जुलाई को नई दिल्ली में आवास और शहरी मंत्रालय के सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा (DurgaShanker Mishra) ने  द एसोसिएट चेम्बर्स ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) (ASSOCHAM)  द्वारा ‘रियल एस्टेट सेक्टर के भविष्य के विकास और रणनीति’ राष्ट्रीय सेमीनार को संबोधित करते हुए दी।

रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (RERA) पर, उन्होंने कहा कि यह अचल संपत्ति क्षेत्र में जवाबदेही, पारदर्शिता और ईमानदारी की शुरुआत की है।

“हम 2016 में एक नए कानून Real Estate Regulatory Authority (RERA) के साथ आए, जो सभी हितधारकों के लिए समान रूप से फायदेमंद है, यह होमबॉयर्स, बिल्डरों, रियल एस्टेट एजेंटों और यहां तक ​​कि सरकार भी है।”

मिश्रा ने कहा कि ऑनलाइन बिल्डिंग अनुमति प्रणाली (Online building permission system) अब 1,705 शहरों में है और 11 राज्यों में यह 100 प्रतिशत है और हम इसे इस साल के अंत तक देश के सभी शहरों में लागू कर देंगे।

सुरेश प्रभु

पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद सुरेश प्रभु (Suresh Prabhu) ने कहा कि रियल एस्टेट(Real Estate)  एकमात्र ऐसा क्षेत्र है जो विनिर्माण और सेवाओं को जोड़ सकता है, और नौकरी के बड़े अवसर प्रदान करने की क्षमता रखता है।

प्रभु ने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र में गांवों को शहरी क्षेत्रों से जोड़ने की क्षमता है, जिससे  रोजगार के अवसर पैदा होते हैं।

अन्टोनी डिसा

म.प्र. भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (RERA) के अध्यक्ष  अन्टोनी डिसा ने कहा कि प्रदेशों के रेरा संगठनों को स्वयं के निर्णयों को लागू करने का अधिकार दिया जाना चाहिए।

इसके लिये यदि आवश्यक हो, तो (RERA)  अधिनियम में संशोधन भी किया जाना चाहिए। श्री डिसा आज 

डिसा ने कहा कि मध्यप्रदेश ने अवरूद्ध तथा मृतप्राय परियोजनाओं को पुनर्जीवित करने की रणनीति पर काम किया है। इससे होमबॉयर्स को संपत्ति का वितरण सुनिश्चित हो रहा है।

डिसा ने सुझाव दिया कि नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल और संबंधित रेरा (RERA) को ऐसी परियोजनाओं को पुनर्जीवित करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।