Wuhan

लाॅकडाउन हटने के बाद वुहान के लोगों की ज़िन्दगी कैसे लौट रही है पटरी पर

हर कोई यह जानना चाहेगा कि इस सप्ताह 8 अप्रैल को 72 दिनों का लाॅकडाउन (Lockdown) और प्रतिबंधों को हटाने के बाद चीन (China) के वुहान (Wuhan) शहर के लोगों की ज़िन्दगी कैसे लौट रही है पटरी पर और वहाँ सरकार किस तरह स्थिति पर नज़र रख रही है।

आइये इस बात को समझने के लिए वुहान के ताज़ा हालातों और बीते एक सप्ताह की स्थिति पर सरसरी  नज़र डाल लेते हैं।

यह रिपार्ट विभिन्न सूत्रों से प्राप्त जानकारियों, अंतर्राष्ट्रीय समाचार माध्यमों और चीन के साथ व्यापार करने वाले व्यवसायियों और संगठनों के साथ हुई बातचीत के आधार पर लिखी गई है।

इस रिपोर्ट का उद्देश्य यह भी है कि हमारे देश में जब लाॅकडाउन हटेगा तब लोगों को किस तरह से अनुशासन का पालन करना होगा और सरकारों को किन उपायों पर जोर देकर जनता को जागरूक बनाये रखना होगा।

तो पढि़ये कोरोनावायरस (coronavirus) के जनक चीन के वुहान (Wuhan) शहर की दास्तान —

चीन के वुहान शहर (Wuhan city)  से 76 दिनों के बाद 8 अप्रैल, बुधवार आधी रात को कोरोनोवायरस के कारण लगाये गए सख्त लॉकडाउन (lockdown) को हटा दिया गया और सोशियल डिस्टेंसिंग (Social distancing) यानी अलगाव को दस सप्ताह के बाद समाप्त कर दिया गया।

वुहान  में  दिसंबर , 2019 में  कोरोनोवायरस  का पहला मामला दर्ज किया गया था।

एक करोड़ से अधिक आबादी का शहर 23 जनवरी से लॉकडाउन पर था और इस शहर ने कड़े प्रतिबंधों का पालन किया।

वुहान के लोगों के लिए दो महीने बाद 8 अप्रैल का दिन ऐसा पहला दिन था जब बड़ी संख्या में लोग रेल से सफ़र शुरू करने के लिए हनकौ रेलवे स्टेशन पहुंचे थे।

हाईवे के टोल फिर से खुल गए और ट्रेन, बस और हवाई सेवाएं फिर से शुरू हो गई।

वुहान (Wuhan) शहर में 2,500 से अधिक लोग कोरोनावायरस के कारण मौत के शिकार हुए। पिछले हफ्ते वुहान के निवासियों ने उन सभी के लिए तीन मिनट का राष्ट्रीय मौन रखा और उन्हें सम्मान दिया।

लोगों को सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने और काम पर वापस जाने की अनुमति भी मिल गई है। अलबत्ता यह अनुमति उन्हीं लोगों को मिली है जिनके पास सरकार के रंगीन कोड उनके स्मार्टफोन फोन में हैं और जिसकी अनुमति स्वास्थ्य प्रणाली ने दी है।

स्वास्थ्य प्रणाली द्वारा जारी हरे कोड वाला कोई भी व्यक्ति यात्रा करने के लिए अब स्वतंत्र है।

स्थानीय सरकार ने सभी सार्वजनिक स्थानों, रेस्तरां, सिनेमाघर, बाज़ार, दुकानों और शॉपिंग मॉल आदि को पूरी तरह से कीटाणुरहित कर दिया हैं ताकि लोग फिर से इन जगहों का उपयोग करना शुरू कर सकें।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने यह भी चेतावनी दी है कि कोरोनोवायरस के मामले फिर से बढ़ सकते हैं और ऐसा हुआ तो यह चिंता की बात होगी और लोगों पर फिर लगाम लग जाएगी।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि वुहान को फिर से खोलने का मतलब यह नहीं है कि शहर में महामारी की रोकथाम और नियंत्रण के उपायों को विराम दे दिया गया है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ अभी भी बारीकी से स्थिति का जायजा ले रहे हें और चिंतित भी हैं। उन्होंने लोगों को अभी भी सतर्क रहने के लिए चेतावनी दी है।

वुहान (Wuhan) के प्रतिबंधों को समझें तो यहाँ के लोगों ने दो महीने से अधिक समय तक सार्वजनिक परिवहन को निलंबित कर दिये जाने का कष्ट भोगा, अपने व्यवसायों को बंद कर दिया और शहर में प्रवेश करने और छोड़ने के प्रतिबंध को  अपने जीवन को बचाये रखने के लिए स्वीकार किया।

स्थिति और नियंत्रण का अनुमान इसीसे लगा सकते हैं कि हर 72 घंटे में प्रति परिवार केवल एक व्यक्ति को भोजन या दवा खरीदने के लिए अपने घरों को छोड़ने की अनुमति दी गई थी।

सख्त और मजबूत उपाय

इण्डिया चाइना ट्रे्ेड सेंटर (ICTC) के कार्यकारी उपाध्यक्ष  वी के मिश्रा ने नई दिल्ली में ‘जनसमाचार’ को बताया कि चीन के उद्योग और व्यापार से जुड़े प्रमुख संगठन सीसीपीआईटी (CCPIT) के अनुसार चीन सरकार ने नाॅवेल कोरोनावायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए सबसे सख्त और मजबूत उपाय और कार्रवाई की ।

सीसीपीआईटी (China council for the promotion of International Trade) द्वारा आईसीटीसी को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि इस रोकथाम और नियंत्रण के सकारात्मक और प्रचुर परिणाम प्राप्त हुए हैं और अर्थव्यवस्था के नकारात्मक प्रभाव को कम करने की क्षमता अर्जित की है।

मिश्रा ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देने की चीनी परिषद् (CCPIT) ने भरोसा जताया है कि कोरोनावायरस को रोकने के लिए लाॅकडाउन, सोशलडिस्टेंसिंग और अन्य उपायों को कड़ाई से लागू करने का यह परिणाम हुआ है कि चीनी अर्थव्यवस्था के मूल सिद्धांतों और दीर्घकालिक विकास की प्रवृत्ति को नुकसान नहीं पहुँचेगा।

मिश्रा ने बताया कि वुहान में लॉकडाउन हटाने से एक महीने पहले,  मार्च के पहले सप्ताह में सभी सरकारी संस्थाओं, प्रमुख कंपनियों और कार्यालयों को सीमित मात्रा में काम शुरू करने की अनुमति दे दी गई थी।

उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य था कि वहां फैक्ट्रियों को पुनः सुव्यवस्थित करने, कारखानों, सार्वजनिक संस्थानों और उद्योग जगत से संबंधित जगहों को सैनिटाइज करने तथा ह्यूमन रिसोर्स का इंतजाम करने की पुख्ता और कारगर योजनाएँ बनाली जाएँ ताकि लाॅकडाउन उठाने पर तेज गति से काम शुरू हो सके।

मिश्राा ने सुझाव दिया कि चीन की तर्ज पर भारत में भी लाॅकडाउन हटाने से पहले उद्योग और व्यापार से जुड़ी संस्थाओं से परामर्श करके कारगर कदम उठाये जाने चाहिए ताकि अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में मदद मिल सके।